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अगर 12वीं के बाद बनना चाहते हैं डॉक्टर तो ऐसे मिलेगा MBBS में एडमिशन

MBBS: ज्यादातर बच्चे बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने लगते हैं लेकिन जब वह पढ़ाई करते हैं इस बात का ध्यान नहीं रख पाते कि आखिर एमबीबीएस करने के लिए किन सब्जेक्ट्स को लेना जरूरी होता है.

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Suhel Khan
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Doctor ( Photo Credit : Social Media)

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How to become MBBS Doctor: 12वीं के बाद करियर के तमाम रास्ते खुल जाते हैं कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर. जहां इंजीनियर नित नए नई तकनीक के विकास में अपना योगादन देते हैं तो वहीं डॉक्टर इंसान के रूप में भगवान के जैसा काम करते हैं जो बीमार इंसान को जीवनदान देते हैं. इसीलिए ज्यादातर बच्चे बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहते हैं. क्योंकि बचपन में ही उनका सामना कई बार डॉक्टर से होता है जो उनके कोमल मन पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं. जिससे बच्चा भी बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहता है. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि आखिर डॉक्टर बनते कैसे है और इसके लिए कौन-कौन से कोर्स उपबल्ध हैं?

10वीं के बाद ही शुरु करें तैयारी

डॉक्टर बनने का पहला पढ़ाव दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद शुर हो जाता है. जिसमें सबसे पहले आपको 11वीं क्लास में एडमिशन लेते वक्त ये ध्यान रखना पड़ेगा कि आप साइंस स्ट्रीम के साथ बायोलॉजी विषय (PCB) लें. इसके साथ कैमिट्री और फिजिक्स की भी आपको पढ़ाई करनी होगी. एमबीबीएस में एडमिशन के लिए जरूरी है कि आप 11वीं क्लास से ही बायोलॉजी, कैमिस्टी और फिजिक्स पर जबरदस्त कमांड बनाएं और इन तीनों विषयों को खूब पढ़ें. इससे ना सिर्फ आपको 12वीं के बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर लाने में मदद मिलेगी बल्कि एमबीबीएस में एडमिशन के लिए होने वाली परीक्षा नीट (NEET) की तैयारी में भी मदद होगी. 

पीसीबी के साथ 12वीं कक्षा पास करने बाद आप नीट की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. जिस साल आप बारहवीं की परीक्षा दें उस साल भी आप नीट की परीक्षा दे सकते हैं. डॉक्टर बनने के लिए नीट की परीक्षा देना अनिवार्य है. इस परीक्षा को पास किए बिना आप डॉक्टर नहीं बन सकते हैं. अगर नीट में आपकी अच्छी रैंक आती है तो आपको एमबीबीएस में एडमिशन मिलता है. वहीं उससे नीचे की रैंक आने पर आपको बीडीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस या बीएचएमएस में एडमिशन मिलता है. लेकिन एमबीबीएस में एडमिशन होना ही सफलता माना जाता है. इसलिए 11वीं में एडमिशन होते ही पढ़ाई में लग जाएं. जिससे आपको एमबीबीएस में आसानी से एडमिशन मिल सके. यहां भी सरकारी कॉलेजों में उन्हीं छात्रों को एडमिशन मिल पाता है जिनकी नीट में अच्छी रैंक आई हो. अगर उससे कम रैंक आती है तो आपको प्राइवेट कॉलेज मिलता है जो काफी ज्यादा फीस लेते हैं जिसे देना हर किसी के बस की बात नहीं होती,

कितनी होती है एमबीबीएस की फीस और कितने साल का है कोर्स

एमबीबीएस की फुल फॉर्म- बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी 
कोर्स टाइप- डिग्री स्तर 
फील्ड- हेल्थकेयर 
एलिजिबिलिटी- साइंस स्ट्रीम में पीसीबी विषयों के साथ 12वीं पास 

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कोर्स की अवधि- 5.5 साल 
औसत फीस- 71,000 से 21,00,000 तक 
औसत सैलरी- 360,000 प्रति वर्ष 
कैरियर स्कोप- चिकित्सक, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, रोगविज्ञानी, न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजी, गायनेकोलॉजी आदि.

बता दें कि एमबीबीएस सर्जिकल और मेडिकल क्षेत्र में एक पेशेवर अंडरग्रेजुएट डिग्री है, जो मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाती है. एमबीबीएस की डिग्री 5 से 6 साल में पूरी होती है. जिसमें की इंटर्नशिप शामिल होती है. इस डिग्री में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों के पास 12वीं कक्षा में सांइस स्ट्रीम के पीसीबी (फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बॉयोलोजी) और अंग्रेजी स्बजेक्ट होना अनिवार्य है.

यहां ध्यान देने वाला बात ये हैं कि एमबीबीएस में एडमिशन के लिए उम्मीदवार का कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ 12वीं पास होना चाहिए. अगर आपके 12वीं क्लास में 50 फीसदी से कम नंबर आए तो आपका एडमिशन एबीबीएस में नहीं हो सकता. हालांकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 12वीं में कम से कम 40 फीसदी नंबर लाना अनिवार्य है. इसके अलावा एमबीबीएस कोर्स में पंजीकरण करने के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष निर्धारित की गई है और अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष रखी गई है.

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Source : News Nation Bureau

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