अगले साल से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिए होने वाली प्रवेश परिक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। आईआईटी के संयुक्त एडमिशन बोर्ड (JAB) ने रविवार को एक बैठक में यह अहम फैसला लिया।
छात्रों के लिए एनआईटी, आईआईटी और केंद्र द्वारा हासिल फंड से चले रहे दूसरे अन्य संस्थानों में नामांकन के लिए जेईई मेंस परीक्षा पास करना जरूरी होता है। इसके बाद वे जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई करते हैं।
जेईई-मेन परीक्षा ऑनलाइन मोड से देने का विकल्प पहले से ही उपलब्ध है। लेकिन अब जेएबी ने एडवांस एग्जाम को पूरी तरह से ऑनलाइन कराने का फैसला लिया है ताकि इवेल्यूएशन की प्रक्रिया को आसानी से पूरा किया जा सके।
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लगभग 13 लाख से ज्यादा छात्र मेन परीक्षा में बैठते हैं। इनमें से 10 फीसदी से भी कम ऑनलाइन मोड से परीक्षा देते हैं। अब सभी विद्यार्थियों को एडवांस परीक्षा ऑनालइन मोड से देना होगी।
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस कदम से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और पेपर लीक की घटनाओं से भी बचा जा सकेगा।'
ऑनलाइन परीक्षा में विद्यार्थियों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए तीन दिन की ट्रेनिंग आयोजित करने की योजना है। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें सिस्टम पर मोक टेस्ट देने का मौका मिलेगा।
माना जा रहा है ऑनलाइन परीक्षा के दौरान पेपर में मिसप्रिंटिग की समस्या समाप्त हो जाएगी। इस साल कई छात्रों ने दोनों पेपरों में हुईं गलती को लेकर आपत्ति जताई थी।
इसके बाद, आईआईटी मद्रास ने परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी छात्रों को 18 अंक बोनस देने का फैसला किया था, भले ही उन्होंने सवाल का प्रयास किया हो। इसे एक छात्र ने चुनौती दी थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।
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Source : News Nation Bureau