अगर खाने की थाली को प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमतों ने स्वादहीन कर दिया है, तो केंद्र सरकार के एक और फैसले से अब उच्च शिक्षा खासकर आईआईटी की पढ़ाई भी और महंगी हो जाएगी. आईआईटी परिषद की मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ हुई बैठक में हुई एजेंडावार चर्चा से तो यही संकेत सामने आ रहे हैं. इसके मुताबिक एमटेक की फीस को बढ़ाने का फैसला सैद्धांतिक तौर पर मंजूर कर लिया गया है. साथ ही यह फैसला भी किया गया कि आईआईटी के प्रोफेसरों के अध्यापन कार्य का मूल्यांकन भी किया जाएगा.
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बीटेक जितनी हो जाएगी एमटेक की फीस
गौरतलब है कि शुक्रवार को आईआईटी परिषद की मानव संसाधन विकास मंत्री (एमएचआरडी) रमेश पोखरियाल निशंक के साथ बैठक हुई. इस बैठक में विभिन्न मसलों पर बातचीत की गई. इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण रहा देश की सभी आईआईटी में एमटेक की फीस को बीटेक की फीस जितना बढ़ाए जाने का फैसला. हालांकि यह वृद्धि बजाय एक साथ करने के तीन साल में विभिन्न चरणों में की जाएगी.
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तीन साल में क्रमबद्ध तरीके से बढ़ेगी फीस
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईआईटी में सामान्य श्रेणी के स्टूडेंट्स की बीटेक ट्यूशन फीस अभी 2 लाख रुपये और एमटेक की 20 हजार रुपये सालाना है. इसे अगले तीन सालों में क्रमबद्ध तरीके से बढ़ाने का फैसला किया गया है. हालांकि इस बात की प्रबल संभावना है कि एमटेक की बढ़ी फीस अगले वर्ष से लागू हो सकती है. एमटेक की फीस को बीटेक की फीस के स्तर पर लाया जाए यह एजेंडा परिषद की बैठक में था, जिसे स्वीकृति दे दी गई.
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प्रोफेसरों का भी होगा मूल्यांकन
इसके साथ ही यह फैसला भी हुआ कि आईआईटी प्रोफेसरों की सेवाओं का भी हर साढ़े पांच साल में मूल्यांकन किया जाएगा. इसके आधार पर ही उन्हें सेवा विस्तार समेत वेतन-भत्तों से जुड़ी अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. इससे पहले आईआईटी ने प्रवेश प्रक्रिया खत्म होने के बाद नया फीस चार्ट जारी किया था. इसके तहत सत्र 2019-20 से बीटेक छात्रों को प्रति सेमेस्टर 1,03,550 रुपये फीस देनी होगी, जो पिछले वर्ष तक 1,02,192 रुपये थी, वहीं छात्रावास मेस की फीस 11,200 से बढ़ाकर 12,125 कर दी गई थी.
HIGHLIGHTS
- आईआईटी परिषद के साथ मानव संसाधन विकास मंत्री से हुई बैठक में फैसला.
- अब बीटेक की 2 लाख रुपये के बराबर होगी एमटेक की फीस.
- आईआईटी प्रोफेसरों की सेवाओं का भी हर पांच साल में होगा मूल्यांकन.