देशभर में IIT स्टूडेंट्स के सुसाइड की बढ़ती वारदातों को गंभीरता से लेते हुए आईआईटी दिल्ली ने बड़ा फैसला किया है। आईआईटी दिल्ली जल्द ही अपने सिलेबस में बदलाव कर सकती है। आईआईटी के ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस डिपार्टमेंट ने फर्स्ट ईयर के छात्रों पर केस स्टडी की है और उनके स्ट्रेस को जानने की कोशिश की है।
इसमें हिंदी मीडियम के स्टूडेंट्स को आ रही इंग्लिश की परेशानी के अलावा कठिन पढ़ाई सिलेबस एक बड़ा कारण बनकर सामने आया है। अब इंस्टीट्यूट जल्द ही इस रिपोर्ट के हिसाब से सिलेबस में महत्वपूर्ण बदलाव करने वाला है।
स्टडी को ज्यादा से ज्यादा पैक्टिकल बेस्ट बनाया जाएगा और वहीं थ्योरी पार्ट कम किया जाएगा। अगर इस नए सिलेबस को मंजूरी मिलती है तो अगले साल से बदला हुआ पाठ्यक्रम जारी किया जाएगा।
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12वीं के बाद नहीं झेल पाते इतना प्रेशर
आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के मुताबिक फर्स्ट ईयर के छात्र एकदम से सिलेबस का इतना सारा भार नहीं सह पाते। उन्हें पढ़ने में खासी दिक्कत होती है। ज्यादातर वक्त उनका किताबों के सामने गुजरता है। 12वीं के बाद एकदम से छात्रों से इतना पढ़ाई का बोझ सहन नहीं हो पाता है।
आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने बताया, 'हमने छात्रों का भार कम करने के लिए थोड़ा हल्का सिलेबस तैयार करने के बारे में सोचा है।
इससे प्रैक्टिकल का रेशो बढ़ाया जाएगा और थ्योरी का कम किया जाएगा। ताकि स्टूडेंट्स आगे आने वाले 3 सालों के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें।'
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Source : News Nation Bureau