मध्यप्रदेश के देवास में एक कूड़ा उठाने वाले के बेटे, आशाराम चौधरी को जोधपुर में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज (एम्स) में एमबीबीएस में एडमिशन मिला है।
इस पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए आशाराम ने बताया कि 'इस सफलता के लिए वह अपने पैरंट्स और नवोदय विद्यालय को धन्यवाद कहना चाहता हूं । साथ ही, दक्षिणा संस्था को भी धन्यवाद कहना चाहता हूं जिन्होंने मुझे आर्थिक मदद दी। वह आगे बताते हैं कि 'मुझे डॉक्टर बनने की प्रेरणा मेरे गाँव के एक डॉक्टर से मिली जब में पाँचवी क्लास में था।'
आशाराम के पिता इस पर कहते हैं कि 'मेरे बेटे ने 12वीं की पढ़ाई पूरी की है और अब एम्स, जोधपुर में दाखिला लिया है। पर अब हमारे पास आश्रम की आगे की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं। मैं दूसरे लोगों से उम्मीद कर रहा हूं कि वह हमारी मदद करेंगे। पहले भी उप-जिला अधिकारी और कुछ लोगों ने हमारी मदद की थी।'
और पढ़ें- LIVE: आज अग्नि परीक्षा से गुजरेगी मोदी सरकार, अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा
वहीं आशाराम के पड़ोसियों ने पढ़ाई में उसकी लगन के बारे में बताते हुए कहा कि 'जब लाइट नहीं रहती थी, तब भी आशाराम पढ़ा करता था। आशाराम ने बहुत मेहनत की है और हमें उस पर गर्व है। हमें बहुत गर्व है कि वह हमारे गाँव से है। उसके पिता की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, उसने यहां तक आने के लिए बहुत मेहनत की है।'
आशाराम यह प्रेरणा देते हैं कि जहां चाह है, वहां राह है। आशाराम जैसे बच्चे उन सभी छात्रों के लिए प्रेरण हैं, जो अक्सर पढ़ाई और अन्य परेशानियों से हार मान लेते हैं।
और पढ़ें- अविश्वास प्रस्ताव: गिरिराज सिंह ने कसा राहुल गांधी पर तंज, भूकंप के मज़े लेने के लिए तैयार हो जाइए
Source : News Nation Bureau