लोकसभा चुनाव में मिले भारी जनादेश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई 2019 (गुरुवार) को प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ग्रहण करेंगे. शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी के इस शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक (BIMSTEC) के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे. भारत ने इन राष्ट्र प्रमुखों को आमंत्रित किया है. भारत का मकसद पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देना है. बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, भूटान और भारत बिम्सटेक के सदस्य देश हैं.
शपथ ग्रहण की खास बातें
- शपथ ग्रहण समारोह दरबार हॉल में होने की परंपरा रही है.
- पीछले बार तीन हजार मेहमानों को आमंत्रित किए जाने के कारण शपथ ग्रहण समारोह फोरकोर्ट में रखा गया था.
- चंद्रशेखर और अटल बिहारी बाजपेयी के बाद मोदी तीसरे प्रधानमंत्री थे जो राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लिए थे.
- भारत में पद की शपथ के साथ इसकी गोपनीयता की शपथ भी लेनी होती है.
- पद की शपथ का ड्राफ्ट संविधान के कानूनों पर आधारित है.
- पद की शपथ में प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं (अपना नाम) ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा.
- अगला शपथ है- मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा. मैं प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा. मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी तरह के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.
भारत में इसके साथ ही लेनी होती है गोपनीयता की शपथ
इसमें प्रधानमंत्री कहते हैं- पीएम के तौर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मेरे अधीन या विचाराधीन मामले या राष्ट्रहित से जुड़े किसी भी मामले की जानकारी को किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों से तब तक साझा नहीं करेंगे, जब तक कि प्रधानमंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए ऐसा करना जरूरी न हो.
करीब 148 शब्दों की होती है शपथ
चयनित प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण के लिए ईश्वर को साक्षी मानते हैं. शपथ ग्रहण के दौरान पदभार ग्रहण करने जा रहे प्रधानमंत्री कहेंगे कि मैं अमुक ईश्वर की शपथ लेता हूं कि विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. इस तरह पूरी शपथ में करीब 148 शब्द होते हैं. यह शपथ देश के राष्ट्रपति दिलाते हैं.
शपथ ग्रहण के बाद होंगे हस्ताक्षर
नियम के अनुसार पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री संवैधानिक परिपत्र पर हस्ताक्षर करते हैं. उसके बाद हस्ताक्षर किया हुआ यह दस्तावेज राष्ट्रपति के पास जमा किया जाता है. यह दस्तावेज हमेशा के लिए सुरक्षति रखने के लिए संरक्षित भी किए जाते हैं.
संविधान की तीसरी अनुसूची से लिया गया शपथ का ड्राफ्ट
प्रधानमंत्री पद की शपथ का प्रारूप गोपनीयता की शपथ के प्रारूप से एकदम अलग होता है. संविधान के 16वें संशोधन अधिनियम और 1963 की धारा पांच से पद की शपथ को लिया गया है.
इसके अनुसार प्रधानमंत्री शपथ लेते हैं कि मैं, ईश्वर की शपथ लेता हूं या सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान का पालन करूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा. सत्यनिष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा. मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.
नहीं तोड़ सकते गोपनीयता की ये शपथ
एक प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्री के तौर पर कई ऐसी जानकारियां होती हैं जिनके अपने प्रोटोकॉल होते हैं. ये जानकारियां किसी के सामने खुले तौर पर न बताने की शपथ लेनी होती है. प्रधानमेंत्री नरेंद्र मोदी भी इस शपथ के साथ कहेंगे कि एक पीएम के तौर पर मेरे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मेरे अधीन या विचाराधीन मामले या राष्ट्रहित से जुड़े किसी भी मामले की जानकारी को किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों से तब तक साझा नहीं करेंगे, जब तक कि प्रधानमंत्री के रूप में उनके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए ऐसा करना जरूरी न हो.
26 मई 2014- नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है. इस शपथ ग्रहण समारोह में सार्क सदस्य देशों के प्रमुख शामिल हुए थे. पाकिस्तान भी सार्क का सदस्य है, तब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसमें हिस्सा लिया था.
22 मई 2009- दूसरी बार डॉक्टर मनमोहन सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उनके साथ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के 19 अन्य मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली थी. उस दिन शाम राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. जवाहर लाल नेहरू के बाद मनमोहन सिंह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो पाँच साल का पहला कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर प्रधानमंत्री बने. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 250 से ज़्यादा सीटें मिली थीं.
22 मई 2004- मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. मनमोहन सिंह के अलावा उनकी 67 सदस्यों वाली मंत्रिपरिषद को भी शपथ दिलाई गई थी. मनमोहन सिंह देश के पहले सिख प्रधानमंत्री बने. कुल 28 कैबिनेट, 10 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 30 राज्य मंत्री बनाए गए थे. तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने अपने संदेश में कहा था- 'पाकिस्तान में हम दोनो देशों के रिश्ते बेहतर करने के प्रति आपकी सरकार की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं.'
13 अक्टूबर 1999- अटल बिहारी वाजपेयी ने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया. वो 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे. पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने.
21 अप्रैल, 1997- इंदर कुमार गुजराल भारत के 12 वें प्रधानमंत्री बने.
1 जून 1996- एच. डी. देवेगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
16 मई 1996- अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
21 जून 1991- पी. वी. नरसिंह राव कांग्रेस (आई) ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
10 नवम्बर, 1990- चन्द्र शेखर (जनता दल- एस) ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
2 दिसम्बर, 1989- विश्वनाथ प्रताप सिंह (जनता दल) ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
31 अक्टूबर, 1984- राजीव गांधी <कॉन्ग्रेस (आई)> ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
14 जनवरी, 1980- श्रीमती इंदिरा गांधी <कॉन्ग्रेस (आई)> नें प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
28 जुलाई, 1979- श्री चरण सिंह (जनता पार्टी) ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
24 मार्च, 1977- श्री मोरारजी देसाई (जनता पार्टी) ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली.
24 जनवरी, 1966- श्रीमती इंदिरा गांधी (कांग्रेस) ने प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली. 11 जनवरी, 1966 ताशकंद में श्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
9 जून, 1964- लाल बहादुर शास्त्री (कांग्रेस) ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
मई 27, 1964 – श्री गुलजारी लाल नंदा (कांग्रेस) ने पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
15 अगस्त, 1947- श्री जवाहर लाल नेहरू (कांग्रेस) ने स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
Source : News Nation Bureau