तमिलनाडु के छात्रों को नीट 2017 (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के दायरे से बाहर रखने के लिए केंद्र सरकार मान गयी है। काफी लंबे समय से तमिलनाडु द्वारा इसकी मांग की जा रही थी।
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कराये जाने वाले नीट एग्जाम को लेकर तमिलनाडु सरकार नया अध्यादेश लाएगी जिससे राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 4000 सीटे भरी जाएंगी।
तमिलनाडु के स्वास्थ मंत्री सी विजय भास्कर ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार जल्द ही अध्यादेश लाएगी जिसमे तमिलनाडु को नीट 2017 के दायरे से बाहर रखा जायेगा।
राज्य सरकार की तरफ से ये बयान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के उस बयान के बाद आया जिसमे उन्होंने कहा था, 'अगर तमिलनाडु सरकार नीट एग्जाम को लेकर कोई अध्यादेश लाएगी तो हम उसे मंजूरी देने के बारे में विचार जरूर करेंगे। क्यूंकि राज्य सरकार का कहना है कि नीट के कारण ग्रामीण इलाके के बच्चों को काफी नुक्सान होगा।'
सीतारमण इस समय चेन्नई के दौरे पर है। रिपोर्टर्स से बातचीत में उन्होंने बताया, 'सरकार तमिलनाडु को एक वर्ष के लिए नीट के दायरे से बाहर रखने पर विचार कर रही है। लेकिन स्थायी तौर पर राज्य को नीट के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता।'
गौरतलब है कि तमिलनाडु के 90% से ज्यादा छात्र-छात्राएं स्टेट बोर्ड के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते हैं। नीट एग्जाम का प्रारूप पूरी तरह से सीबीएसई के सिलेबस पर आधारित होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतें आ रही है।
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Source : News Nation Bureau