सुप्रीम कोर्ट नीट काउंसिलिंग मामले से जुड़े मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिए गए दलीलों पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। पिछले साल सितम्बर में सुप्रीम कोर्ट ने 2016-17 एडमिशन के लिए मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग को रद्द कर दिया था।
जस्टिस अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कई सारे जवाबों और याचिकाकर्ताओं से विस्तृत दलीलों के बाद नीट काउंसिलिंग को रद्द कर दिया था।
उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मध्यप्रदेश सरकार ने अंडरग्रेजुएट कॉलेजों में काउंसिलिंग कराने को लेकर केन्द्र के प्रावधानों को फॉलो नहीं किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों को नए काउंसिलिंग कराने का निर्देश दिया था और राज्य सरकार को भी केन्द्र सरकार और कानून के तहत दिए गए नियमों और निर्देशों को सख्ती से लागू करने को कहा था।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पाया था कि प्राइवेट कॉलेजों ने भी मेडिकल के अंडरग्रेजुएट कोर्सेस की काउंसिलिंग में केन्द्र के गाइडलाइन्स को लागू नहीं किया था।
पिछले साल पूरे भारत में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट को अनिवार्य किया गया था, लेकिन कुछ राज्यों में मेडिकल परीक्षा के उम्मीदवारों ने नीट 2017 को रद्द किए जाने की मांग की थी।
तमिलनाडु के मेडिकल परीक्षा देने वाले छात्र भी राज्य में नीट से अलग होकर जल्द काउंसिलिंग कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं।
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HIGHLIGHTS
- SC ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित नीट परीक्षा की काउंसलिंग को रद्द किया था
- मध्यप्रदेश सरकार ने काउंसिलिंग कराने में केन्द्र के प्रावधानों को फॉलो नहीं किया था
- पिछले साल पूरे भारत में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट अनिवार्य हुआ था
Source : News Nation Bureau