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डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के लिए नया रेग्युलेशन ड्रॉफ्ट,आयेगी पारदर्शिता

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की एक उच्चस्तरीय समिति ने डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के लिए नया रेग्युलेशन ड्रॉफ्ट तैयार किया है. देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ साथ सभी संबंधित विश्वविद्यालयों को यूजीसी रेग्युलेशन 2022 ड्राफ्ट की कॉपी भेजी गई है. यह ड्राफ्ट यूजीसी रेग्युलेशन 2019 के स्थान पर लागू किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी भी अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों की ही तरह काम करेगी. यूजीसी के इस नए रेगुलेशन का एक फायदा यह भी होगा कि अब डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दाखिले यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की कटऑफ के जरिए होंगे. इसका सीधा-सीधा अर्थ है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लागू हो चुके नियम अब डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी लागू किए जाएंगे.

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IANS
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UGC Chairman

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की एक उच्चस्तरीय समिति ने डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के लिए नया रेग्युलेशन ड्रॉफ्ट तैयार किया है. देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ साथ सभी संबंधित विश्वविद्यालयों को यूजीसी रेग्युलेशन 2022 ड्राफ्ट की कॉपी भेजी गई है. यह ड्राफ्ट यूजीसी रेग्युलेशन 2019 के स्थान पर लागू किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी भी अब केंद्रीय विश्वविद्यालयों की ही तरह काम करेगी. यूजीसी के इस नए रेगुलेशन का एक फायदा यह भी होगा कि अब डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दाखिले यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की कटऑफ के जरिए होंगे. इसका सीधा-सीधा अर्थ है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लागू हो चुके नियम अब डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी लागू किए जाएंगे.

यूजीसी के मुताबिक, डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में दाखिला संसदीय एक्ट के अनुसार होगा. इसके साथ ही शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण के नियम अमल में लाए जाएंगे. इन विश्वविद्यालयों को छात्रों से वसूली जाने वाली फीस के मामले में भी अब पूरी पारदर्शिता बरतनी होगी. यानी इन विश्वविद्यालयों का प्रयोग व्यावसायिक और लाभ के लिए नहीं किया जाएगा.

यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने बताया कि नए नियमों के के लागू होने पर डीम्ड यूनिवर्सिटी को फीस और दाखिले में पारदर्शिता बरतना अनिवार्य होगा. विश्वविद्यालय इस मामले में अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे. विश्वविद्यालयों को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस फेस जैसी परीक्षाओं की कट ऑफ प्रदर्शित करनी होगी आधार पर दाखिले होंगे. वहीं शिक्षकों की भर्ती में केंद्र सरकार के आरक्षण संबंधी नियमों का पालन करना होगा.

विश्वविद्यालयों को आर्थिक व सामाजिक पिछड़े वर्गो के छात्रों को स्कॉलरशिप व ऐसे छात्रों के लिए आरक्षित कुछ सीटों का प्रावधान करना होगा. यहां नई शिक्षा नीति के प्रावधान भी लागू किए जाएंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यूजी व पीजी प्रोग्राम में कम से कम पांच डिपार्टमेंट मल्टी-डिसिप्लिनरी, इंटीग्रेटिड व रिसर्च पर काम करेंगे.

इन डिपार्टमेंटस में काम करने वाले संस्थान डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन कर सकेंगे. यूजीसी का कहना है कि नैक ए ग्रेड, एनआईआरएफ रैंकिंग में लगातार तीन साल तक ओवऑल वर्ग में टॉप 100 में रहने वाले और खास श्रेणी में तीन साल लगातार टॉप 50 में शामिल संस्थान भी आवेदन कर सकेंगे.

यूजीसी के नए नियम बताते हैं कि डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निग मोड से डिग्री कोर्स की पढ़ाई शुरू कर सकेंगी. इसके लिए इन विश्वविद्यालयों को यूजीसी से अनुमति लेनी पड़ेगी पड़ेगी. उच्च शिक्षा की राष्ट्रीय रैंकिंग एनआईआरएफ के टॉप 100 मैं आने वाले संस्थान अपने और कैंपस खोल सकेंगे.

Source : IANS

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