Advertisment

युवाओं के लिए खुशखबरी, अब विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री भारत में

यूजीसी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश के करीब दो दर्जन से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों ने संयुक्त कोर्स शुरू करने के लिए विदेशी संस्थानों के साथ अनुबंध किया है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Students

देश के दो दर्जन संस्थानों ने किया फॉरेन यूनिवर्सिटीज से अनुबंध.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत भारतीय शिक्षण व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव लाने का उद्देश्य लेकर चल रही मोदी सरकार (Modi Government)  उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास कर रही है. इसके साथ ही सरकार अब पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों को देश में ही रोकने की तैयारी में है. ऐसा करने के लिए सरकार इस योजना को अमली-जामा पहनाने में जुटी है, जिसके तहत विदेशी विश्वविद्यालयों से जुड़े प्रमुख कोर्स अब भारतीय छात्रों को देश में ही उपलब्ध होंगे. इसे लेकर भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों ने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर साझा कोर्स शुरू करने की मुहिम तेज की है. इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भी एक विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है.

यूजीसी ने जारी की विस्तृत गाइडलाइन
भारतीय छात्रों के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रमुख कोर्स देश में उपलब्ध कराने की योजना के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक गाइडलाइन जारी की है. इसके बाद कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान ऐसे कोर्सों को शुरू कर सकेगा. हालांकि वे ऐसा कोई कोर्स शुरू नहीं कर सकेंगे जो देश की सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करते हों. ऐसे किसी शोध को भी अनुमति नहीं दी जाएगी.

यह भी पढ़ेंः मोदी-योगी ने यूपी को बनाया सफल राज्य, मिर्जापुर में अमित शाह की 10 बड़ी बातें

दो दर्जन संस्थानों का हुआ अनुबंध
यूजीसी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश के करीब दो दर्जन से ज्यादा उच्च शिक्षण संस्थानों ने संयुक्त कोर्स शुरू करने के लिए विदेशी संस्थानों के साथ अनुबंध किया है. माना जा रहा है कि नए शैक्षणिक सत्र में इन सभी संस्थानों में यह कोर्स शुरू हो जाएंगे. यूजीसी के मुताबिक, विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर शुरू किए जाने वाले संयुक्त कोर्सों को कुछ इस तरह डिजाइन किया जा रहा है, जिसमें 50 प्रतिशत क्रेडिट भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की ओर से दिया जाएगा. साथ ही डिग्री में विदेशी और भारतीय दोनों ही उच्च शिक्षण संस्थानों के नाम दर्ज होंगे.

हर साल छह लाख छात्र जाते थे विदेश
यह पूरी पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि कोरोना से पहले हर साल करीब छह लाख भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 5.88 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए विदेश गए थे. इनमें से आधे छात्र अमेरिका, करीब 15 फीसद ऑस्ट्रेलिया, छह फीसद ब्रिटेन और सात फीसद कनाडा जाते हैं. बाकी छात्र अन्य देशों को जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः Tokyo Olympics: 49 साल बाद भारत पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में, पदक से एक कदम दूर

72 हजार करोड़ खर्च करते हैं विदेश में शिक्षा पर
रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश जाने वाले ये छात्र हर साल पढ़ाई पर करीब 72 हजार करोड़ रुपये खर्च करते हैं जो देश में उच्च शिक्षा पर खर्च होने वाले बजट का करीब दोगुना है. इससे हर साल बड़ी मात्रा में भारतीय मुद्रा विदेश चली जाती है. इसके अलावा जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं, उनमें से ज्यादातर उसी देश के होकर रह जाते हैं. इससे देश को आर्थिक के साथ-साथ प्रतिभा का भी नुकसान उठाना पड़ता है. पिछले साल यानी 2020 में कोरोना के चलते सिर्फ 2.61 लाख छात्र ही पढ़ाई के लिए विदेश जा पाए थे.

विदेशी छात्रों को भी लाएंगे भारतीय विश्वविद्यालय
शिक्षा मंत्रालय ने इस बीच विदेशी छात्रों को भी भारतीय संस्थानों की ओर आकर्षित करने की योजना बनाई है. यूजीसी ने इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने यहां विदेशी छात्रों की मदद के लिए एक काउंटर खोलने का निर्देश दिया है. अब तक करीब 160 उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने यहां यह दफ्तर खोल दिया है. इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया और दूसरे माध्यमों से दुनिया के करीब 30 देशों में ब्रांडिंग भी कराई जा रही है. 

HIGHLIGHTS

  • दो दर्जन भारतीय संस्थानों ने विदेशी विश्वविद्यालयों से किया अनुबंध
  • हर साल 6 लाख भारतीय छात्र जाते हैं विदेश पढ़ाई करने
  • बचेंगे 72 हजार करोड़ रुपए, जो खर्च होते हैं विदेश में पढ़ाई पर
Modi Government मोदी सरकार new education policy UGC यूजीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग Foreign Universities Indian Students भारतीय छात्र Brain Drain विदेश में पढ़ाई
Advertisment
Advertisment