युवाओं को सशक्त बनाना भारत के भविष्य को सशक्त बनाना है. राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है. डिजिटल विश्वविद्यालय में वह ताकत है, जो देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर सकता है. मैं सभी हितधारकों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि डिजिटल विश्वविद्यालय जल्द से जल्द शुरू हो और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर भी खरा उतरे. ये रातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा क्षेत्र पर केंद्रीय बजट 2022-23 के सकारात्मक प्रभाव पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते कही।
बजट में पांच बातों का रखा गया ध्यान
प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में केंद्रीय बजट 2022-23 की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय देश में शैक्षणिक सीटों की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर देगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी ही है, जिसने वैश्विक महामारी के दौर में भी हमारी शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखा. उन्होंने कहा कि शिक्षा पर बजट के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2022 के बजट में पांच बातों पर खास फोकस रखा गया है. पहला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सार्वभौमिकरण है. दूसरा- कौशल विकास, तीसरा- शहरी नियोजन और डिजाइन, चौथा शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण यानी भारत में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय और पांचवां महत्वपूर्ण पक्ष है एवीजीसी यानी एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग, कॉमिक्स. उन्होंने कहा कि इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. हमारे पास बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है.
मातृभाषा में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन
इस दौरान उन्होंने देश में डिजिटल डिवाइड कम होने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि नवाचार हमारे यहां समावेश सुनिश्चित कर रहा है. ई-विद्या, वन क्लास, वन चैनल, डिजिटल लैब्स, डिजिटल यूनिवर्सिटी से हम अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा को गांवों तक ले जा सकेंगे. पीएम ने विश्व मातृभाषा दिवस का वर्णन करते हुए कहा कि मातृभाषा में दी जाने वाली शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में स्थानीय भाषाओं में मेडिकल और तकनीकी एजुकेशन की पढ़ाई शुरू हो चुकी है.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए बजट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबके प्रयास पर बल दिया गया है. बजट के सदुपयोग करने को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है. उन्होंने कहा कि बजट को अगर हम सही तरीके से और सही वक्त पर उपयोग करें तो सीमित संसाधनों से भी हम बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा कदम
- मातृभाषा में मेडिकल और तकनीकि शिक्षा
- सशक्त युवा से भारत का भविष्य बनेगा सशक्त