Advertisment

UGC Draft Proposal: अब रामायण-महाभारत कालीन ज्ञान परंपरा भी पढ़ेंगे स्टूडेंट्स

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार है, जो शिक्षा के सभी स्तरों पर भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने की सिफारिश करती है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
UGC

यूजीसी ने नए मसौदे पर 30 अप्रैल तक मांगे हैं सुझाव.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

प्राचीन भारत की सुश्रुत संहिता में वर्णित प्लास्टिक और मोतियाबिंद सर्जरी (Cataract Surgery), रामायण (Ramayana) और महाभारत में कृषि और सिंचाई का महत्व, खगोल विज्ञान की वैदिक अवधारणाएं और वैदिक गणित (Vedic Maths) से जुड़े विषयों को उच्च शिक्षा संस्थानों के पाठ्यक्रमों में शामिल करने का मसौदा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने तैयार किया है. इसके तहत भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) को इन विषयों पर पाठ्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया गया है. यूजीसी द्वारा जारी मसौदे में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल करने के लिए सुझाव दिए गए हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के दिशा-निर्देशों के अनुसार है, जो शिक्षा के सभी स्तरों पर भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने की सिफारिश करती है. यूजीसी ने इस मसौदे पर शिक्षाविदों और लोगों से 30 अप्रैल तक सुझाव मांगे हैं.

छात्र परिचित होंगे भारतीय ज्ञान प्रणाली के पहलुओं से
मसौदा मानदंडों का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों को ऐसे पाठ्यक्रम विकसित करने में मदद करना है, जो छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली के सभी पहलुओं से परिचित कराए. खासकर जो भारतीय ज्ञान उनके अध्ययन के क्षेत्रों से संबंधित हैं. इसका उद्देशय छात्रों को अधिक जानने की रुचि को बढ़ावा देने समेत उन्हें जिज्ञासू बनाना भी है.  इस कारण यूजीसी के मसौदे में यह सुझाव दिया गया कि स्नातक या स्नातकोत्तर कर रहे प्रत्येक छात्र को आईकेएस में क्रेडिट पाठ्यक्रम लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जो कुल अनिवार्य क्रेडिट का कम से कम 5 फीसदी हो. यूजीसी के इस मसौदे से जुड़े दिशा-निर्देश नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीईएफ) केअंतिम मानदंड जारी करने के कुछ दिनों बाद सामने आए हैं. इसके तहत छात्रों को अब भारतीय ज्ञान प्रणाली के विभिन्न पहलुओं में अपनी विशेषज्ञता से क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति दी जाएगी.

यह भी पढ़ेंः Fugitive Diamantaire: भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी कोर्ट में जीता, नहीं लाया जा सकेगा भारत

इस तरह छात्र कर सकेंगे विषयों का चयन
दूसरे शब्दों में कहें तो छात्र अपने प्रमुख विषयों से संबंधित भारतीय ज्ञान प्रणाली से जुड़े पाठ्यक्रमों का चयन कर सकेंगे. उदाहरण के लिए यूजीसी मसौदे के दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि जो छात्र मेडिसिन से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, वे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी की समझ देते भारतीय चिकित्सा प्रणाली के क्रेडिट पाठ्यक्रम ले सकते हैं. इसी तरह जो छात्र गणित में स्नातक कर रहे हैं, वे अपने संबंधित विषय में आईकेएस पाठ्यक्रम ले सकते हैं. मसौदा मानदंडों में सुझाए गए अन्य विषयों में धातुओं और धातुओं के कामकाज के वैदिक संदर्भ, रामायण और महाभारत में वास्तुकला और सामग्रियों का महत्व, भारतीय धार्मिक संप्रदायों के मूलभूत ग्रंथ, वैदिक काल से लेकर विभिन्न क्षेत्रों की भक्ति परंपराएं, जैन साहित्य में गणित का स्थान और ललित कलाओं की प्रकृति और उद्देश्य पर नाट्यशास्त्र जैसे विकल्प शामिल हैं. 

HIGHLIGHTS

  • 2023-24 में स्नातक-स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्र अब विषयों के साथ भारतीय ज्ञान परंपरा के पाठ भी पढ़ेंगे.
  • यूजीसी की एक उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की  सिफारिशों के तहत तैयार किया मसौदा
  • सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को स्नातक प्रोग्राम में भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े कोर्स को रखना होगा 
रामायण Ramayana Mahabharata Cataract Surgery new education policy UGC महाभारत NEP 2020 UGC Draft Proposal Vedic Maths IKS Study यूजीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भारतीय ज्ञान परंपरा वैदिक गणित
Advertisment
Advertisment
Advertisment