प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 के दूसरे दिन शनिवार को ओडिशा के संबलपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के स्थायी कैंपस की आधारशिला रखते हुए कहा कि आज के स्टार्टअप्स, कल के मल्टीनेशनल्स हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दशक और सदी के भारत में नए-नए मल्टीनेशनल्स के निर्माण का बताया. उन्होंने कहा कि नवोन्मेष, समग्रता और समावेश प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मंत्र के रूप में उभरे हैं, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकते हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यहां स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) के स्थायी परिसर की आधारशिला रखने के बाद उन्होंने कहा कि प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोगपूर्ण, नवोन्मेषी और परिवर्तनकारी अवधारणाओं से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. प्रौद्योगिकी की वजह से क्षेत्रों के बीच कम होती दूरियों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने विश्व भर में हो रहे बदलावों के मद्देनजर डिजिटल संपर्क के क्षेत्र में तेजी से सुधार किए हैं.
उन्होंने कहा, 'प्रौद्योगिकी का प्रबंधन मानव प्रबंधन की तरह ही महत्वपूर्ण है.' उन्होंने यहां के छात्रों से 'लोकल को ग्लोबल' बनाने के लिए नए और नवोन्मेषी समाधान सुझाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि साल 2014 तक देश में जहां 13 आईआईएम थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गई है. उन्होंने कहा, 'इतना बड़ा टैलेंट पूल आत्मनिर्भर भारत अभियान को बहुत विस्तार दे सकता है.' उन्होंने कहा, आज आईआईएम कैंपस के शिलान्यास के साथ ही ओडिशा के युवा सामर्थ्य को मजबूती देने वाली एक नई शिला भी रखी गई है.
आईआईएम का ये स्थायी कैंपस ओडिशा के महान संस्कृति और संसाधनों की पहचान के साथ यहां के मैंनेजमेंट जगत में नई पहचान देने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते दशकों में एक ट्रेंड देश ने देखा. बाहर बने मल्टी नेशनल बड़ी संख्या में आए और इसी धरती में आगे भी बढ़े. ये दशक और ये सदी भारत में नए-नए मल्टीनेशसल्स के निर्माण का है. देश के नए क्षेत्रों में नए अनुभव लेकर निकल रहे मैंनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. इस साल भारत ने कोविड संकट के बावजूद पिछले सालों की तुलना में ज्यादा यूनिकॉर्न दिए हैं.
इस शिलान्यास कार्यक्रम में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित राज्य के सभी मंत्री और सांसदों ने प्रमुख तौर पर हिस्सा लिया. इसमें उद्योग जगत के अग्रणी नेताओं, शिक्षाविदों, छात्रों, पूर्व छात्रों और आईआईएम संबलपुर के शिक्षकों सहित 5000 से अधिक लोग भी डिजिटल माध्यम से जुड़े. आईआईएम संबलपुर फ्लिप्ड क्लासरूम के आइडिया को लागू करने वाला पहला आईआईएम है, जहां मूलभूत अवधारणाओं को डिजिटिल तरीके से सिखाया जाता है और उद्योग से लाइव प्रोजेक्ट्स के माध्यम से कक्षा में प्रायोगिक शिक्षा दी जाती है.
Source : News Nation Bureau