Postdoc: पोस्ट डॉक्ट्रेरेट फिलॉसफी (Postdoctoral Philosophy) कोर्स एक एडवांस लेवल का रिसर्च प्रोग्राम है, जो पीएचडी (Ph.D.) के बाद किया जाता है. यह कोर्स उन लोगों के लिए है जो किसी स्पेशल विषय में डीप स्टडी, रिसर्च और नवाचार करना चाहते हैं. पोस्ट डॉक्ट्रेरेट कोर्स खासकर के रिसर्च बेस होते हैं और इसे अकादमिक या उद्योग क्षेत्र में करियर बनाने के लिए किया जाता है.
पोस्ट डॉक्ट्रेरेट कोर्स की जरूरत
यह कोर्स उन रिसर्चर के लिए है जो अपनी एक्सपर्टिज को और गहराई से विकसित करना चाहते हैं. पोस्ट डॉक्ट्रेरेट कोर्स आपको काफी चीजों में मदद करता है, जैसे यह कोर्स आपको अपने रिसर्च क्षेत्र में गहराई तक जाने और नए विचार विकसित करने का मौका देता है. प्रोफेसर या रिसर्चर बनने के लिए पोस्ट डॉक्ट्रेरेट अनुभव को अक्सर वरीयता दी जाती है. कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी और संस्थान पोस्ट डॉक्ट्रेरेट के लिए फंडिंग और रिसर्च प्रोजेक्ट्स प्रदान करते हैं.
पोस्ट डॉक्ट्रेरेट कोर्स कैसे करें?
पीएचडी की डिग्री: इस कोर्स को करने के लिए आपके पास मान्यता प्राप्त संस्थान से पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए.
रिसर्च प्रपोजल: एक मजबूत और न्यू इनोवेशन वाली रिसर्च प्रपोजल तैयार करें. इसमें आपके रिसर्च का उद्देश्य, Methodology और संभावित रिजल्ट शामिल होने चाहिए. पोस्ट डॉक्ट्रेरेट के लिए आपको एक मेंटर (सुपरवाइज़र) और एक मान्यता प्राप्त संस्थान की जरूरत होगी. अलग-अलग संस्थानों और रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए आवेदन करना होगा. अधिकांश आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होती है.
फंडिंग: कई संस्थान पोस्ट डॉक्ट्रेरेट रिसर्च के लिए फेलोशिप या ग्रांट करते हैं.
कहां से करें पोस्ट डॉक्ट्रेरेट फिलॉसफी कोर्स?
भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs)
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), मुंबई
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी
विदेश में
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूके
2हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, यूके
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए
टोक्यो यूनिवर्सिटी, जापान
फेलोशिप और फंडिंग
इंडिया में: सीएसआईआर (CSIR), यूजीसी (UGC), डीएसटी (DST) जैसी संस्थाएं फेलोशिप देती है.
विदेश में: फुलब्राइट स्कॉलरशिप, मैरी क्यूरी फेलोशिप और DAAD फेलोशिप जैसे अवसर हैं.
करियर ऑप्शन
अकादमिक क्षेत्र में प्रोफेसर या रिसर्चर बन सकते हैं.
इंडस्ट्री में रिर्सच और विकास (R&D) एक्पर्ट बन सकते हैं.
पब्लिक पॉलिसी एडवाइजर बन सकते हैं.
स्वतंत्र रिसर्चर या कंसल्टेंट बन सकते हैं.
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