IAS vs IPS: आईएएस और आईपीएस देश की दो सबसे उच्चे पद होते हैं. इन पदों पर नौकरी पाने के लिए लोग दिन-रात मेहनत करते हैं. कई लोगों से आपने सुना होगा कि आईएसएस में जाना और आईपीएस लेना है. ऐसे में सबसे पहले ये जानना चाहिए कि इन दोनों में क्या अंतर है. किसकी ज्यादा सैलरी होती है और किसके पास ज्यादा पावर है आइए जानते हैं.
IAS अधिकारी करते हैं सरकारी विभागों को लीड करते हैं
IAS अधिकारी अलग-अलग सरकारी विभागों को लीड करते हैं. राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर नीतियों को इम्प्लीमेंटे करते हैं. वहीं, IPS अधिकारी राज्य की कानून व्यवस्था और क्राइम को लेकर काम करता है. जिले की व्यवस्था सही रूप से चले इसके लिए आईपीएस को अपराधों को सुलझाना और आपदाओं को संभालने का काम दिया जाता है.
IAS और IPS के अधिकारों में ये अंतर
IPS के मुकाबले एक आईएएस अफसर के पास अधिक आधिकार होते हैं. उनके पास कई प्रशासनिक जिम्मेदारियों में शामिल होते हैं. वहीं, आईपीएस अधिकारी पुलिस बल के अंदर ज्यादा प्रभावशाली होता है. इस बात को लेकर हमेशा बहस होती है कि शासन में कौन सी सेवा अधिक शक्तिशाली है. वहीं सैलरी की बात करें तो IAS और IPS दोनों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिलता है. जो 56,100 रुपये प्रति माह से शुरू होकर 2.50 लाख रुपये प्रति महीने होते है.
इन अधिकारियों को मिलती हैं ये सुविधाएं
रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल करीब 13000 से ज्यादा IAS और IPS अधिकारी हैं.इन अधिकारियों के पास आवास, गाड़ी, सुरक्षा समेत अन्य सुविधाएं होती है. सैलरी के साथ एक IAS अधिकारी को डियरनेस अलाउंस (DA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA), मेडिकल अलाउंस और कन्वेस अलाउंस भी दिया जाता है.
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