“सफलता पाने की जिद्द है तो मेहनत भी करनी होगी, क्योंकि सफलता एक दिन में नहीं मिलती. मगर अगर ठान लिया तो एक दिन जरूर मिलती है. गामिनी सिंगला की कहानी भी इस बात की प्रमाण है कि किसी भी मुश्किल के बावजूद अगर मेहनत और समर्पण हो तो सफलता जरूर मिलती है. गामिनी सिंगला की प्रेरणादायक यात्रा उनकी मेहनत, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास की मिसाल है. गामिनी ने यह साबित किया कि असफलता सिर्फ एक कदम है, जो सफलता तक पहुंचने का हिस्सा बनती है.
चंडीगढ़ से बी.टेक की पढ़ाई
गामिनी सिंगला पंजाब के आनंदपुर साहिब की रहने वाली हैं. उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं, जो मेडिकल क्षेत्र में काम करते हैं. गामिनी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ से प्राप्त की और फिर पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक किया. बी.टेक करने के बाद उन्हें कई प्रतिष्ठित कंपनियों से नौकरी के ऑफर मिले, जिनमें एक था इंटरनेशनल कंपनी जेपी मॉर्गन से. यह एक सुनहरा मौका था, लेकिन गामिनी ने उस समय अपनी प्राथमिकता बदलते हुए यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया.
इंटरनेशनल नौकरी छोड़ यूपीएससी की ओर कदम बढ़ाए
गामिनी सिंगला ने अपनी इंजीनियरिंग डिग्री को छोड़कर एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी की नौकरी ठुकरा दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. यह कदम उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ साबित हुआ, क्योंकि यूपीएससी जैसी मु्श्किल परीक्षा के लिए समर्पण और लगातार मेहनत की जरूरत होती है.
पहले प्रयास में मिली असफलता
यूपीएससी परीक्षा की राह बिल्कुल आसान नहीं थी. गामिनी ने पहले प्रयास में यूपीएससी प्रीलिम्स पास नहीं किया, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय खुद को और अधिक तैयार किया. उनका मानना था कि असफलता से सीखना चाहिए और यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि खुद को बेहतर बनाने का मौका है. उन्होंने फिर से मेहनत की और दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा में जुट गईं.गामिनी सिंगला की मेहनत रंग लाई और उन्होंने यूपीएससी 2021 में तीसरी रैंक हासिल की.
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