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पिता के निधन ने तोड़ा, फिर कोरोना के कारण हालात खराब, लेकिन मानी हार, दिन-रात मेहनत कर पास की यूपीएससी परीक्षा

बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा लोहिया जिन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों को पार करते हुए यूपीएससी परीक्षा में दूसरे स्थान पर आकर सफलता की नई मिसाल कायम की है.

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Priya Gupta
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IAS Success Story of Garima lohia

Photo-Social Media

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Success Story : UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवार एक ही सपना लेकर रास्ते पर चलते हैं कि एक दिन ऑफिसर बनकर आएंगे. लेकिन सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत औऱ करई परीक्षा पास करनी होती है. जीवन में परिस्थितियां हर तरह की होती है कोई इस मुश्किल घड़ी को पार कर लेता है तो कोई हार मान लेता है. एक ऐसी कहानी लेकर आएं हैं जो आपके लिए मोटिवेशन बनेगी.यह कहानी है बिहार के बक्सर की रहने वाली गरिमा लोहिया की, जिन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों को पार करते हुए यूपीएससी परीक्षा में दूसरे स्थान पर आकर सफलता की नई मिसाल कायम की है.

पिता के निधन के बाद मिला बड़ा झटका

गरिमा का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उनकी दृढ़ता और मेहनत ने उन्हें इस कठिन परीक्षा में सफलता दिलाई. गरिमा का जीवन उस समय बदल गया जब साल 2015 में उनके पिता का हार्ट अटैक से निधन हो गया. उनके पिता की कपड़ों की दुकान थी, और उनकी मौत के बाद पूरा परिवार गहरे दुख में डूब गया. गरिमा के लिए यह एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते हुए, गरिमा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का फैसला किया.

कोरोनो में किया समय का सही इस्तेमाल

गरिमा की परवरिश बक्सर में हुई, जहां उन्होंने हमेशा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया था, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से अकाउंट्स में डिग्री हासिल की. कोरोना महामारी के दौरान, जब पूरा देश ठहर सा गया था, तब गरिमा ने इस समय का इस्तेमाल करते हुए खुद को पढ़ाई में पूरी तरह से समर्पित कर दिया. उन्होंने ऑनलाइन संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए यूपीएससी की तैयारी शुरू की और खुद ही अपने नोट्स बनाकर तैयारी की.

दूसरी बार में पास की परीक्षा

जब समय आया एग्जाम का तो पहले प्रयास में, गरिमा प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इसके बजाय, उन्होंने अपनी कमियों को पहचाना और अपने स्टडी के तरीके में बदलाव किए. उन्होंने दिन-रात एक करके पढ़ाई की और दूसरी बार में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में दूसरे स्थान पर आकर अपने परिवार का नाम रोशन किया.

गरिमा ने अपने घर पर ही पढ़ाई की, एक दिन तो गरीमा ने रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक लगातार पढ़ाई करती रहीं. उनका कहना है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता, बल्कि कठिन परिश्रम और संकल्प की जरूरत होती है. उनकी यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा है. उन्होंने बिना किसी कोचिंग के, खुद से पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया. 

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