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International Literacy Day: क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस, ये है इस साल की थीम

International Literacy Day: शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर में हर साल 8 सितंबर का दिन अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि इस दिन की शुरूआत कब हुई और इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय साक्षारता दिवस की थीम क्या है.

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Yashodhan.Sharma
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International Literacy Day

International Literacy Day: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर को मनाया जाता है. वैश्विक स्तर पर शिक्षा के प्रसार को बढ़ाने सहित साक्षरता के महत्व को उजागर करना इसका मुख्य उद्देश्य है. सक्षारता पर ही निर्भर करता है कि किसी भी देश में कितना विकास हुआ है और लोग कितने खुशहाल हैं. 

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भारत की साक्षरता दर की बात करें तो इसमें सुधार करने में उल्लेखनीय प्रगति की है. 2021 की एनएसओ रिपोर्ट के अनुसार, स्वतंत्रता के समय 18.33% की साक्षरता दर से, हमारा देश लगभग 77.7% की दर पर पहुंच गया है. हालांकि यह प्रगति सराहनीय है, लेकिन एक महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है.

बता दें कि इस दिन साक्षरता की कमी के कारण सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. इसके कैसे शिक्षा की शक्ति से जीवन को बेहतर बनाया जाए इसको लेकर भी प्रेरणा मिलती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है इस साल की थीम और इतिहास.

क्यों है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस इतना खास

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अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की सबसे खास बता यह है कि इस दिन हमें याद दिलाया जाता है कि दुनिया के कई हिस्सों में आज भी लाखों लोग पढ़ने-लिखने की क्षमता से वंचित हैं. साक्षरता का अर्थ केवल अक्षरों को पढ़ने-लिखने की क्षमता नहीं है, बल्कि इससे एक व्यक्ति की सोचने, समझने और जीवन के निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है. साक्षर लोग अधिक जागरूक होते हैं, उन्हें आसानी से अधिक अवसर भी मिल जाते हैं और इससे अपनी जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाया जा सकता है. यह दिन सरकारों, संगठनों और नागरिकों को इस दिशा में काम करने की प्रेरणा देता है कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अवसर मिल सके.

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की नींव 1965 में रखी गई थी. इस दिन ईरान के तेहरान में निरक्षरता उन्मूलन पर शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के आयोजन किया गया था. इसके बाद यूनेस्को ने 1966 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा की थी. 8 सितंबर, 1967 को पहली बार इसे आधिकारिक रूप से मनाया गया. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विश्वभर में सभी को साक्षरता का अधिकार मिले, क्योंकि साक्षरता सामाजिक और आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है. किसी भी व्यक्ति, समाज या देश का पूर्ण विकास संभव नहीं है. यूनेस्को का मानना था कि साक्षरता सभी के लिए अनिवार्य अधिकार है और इसे जीवन के हर क्षेत्र में समानता और न्याय के लिए अनिवार्य माना जाना चाहिए।

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अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की थीम

हर साल अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है. साक्षरता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना थीम का उद्देश्य है. 2024 की थीम "Promoting multilingual education: Literacy for mutual understanding and peace" (बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता) है, जिसका उद्देश्य साक्षरता को स्थिरता और शांति के लिए आधार है।  इस वैश्विक उत्सव का 9 और 10 सितंबर 2024 को कैमरून के याउंडे में आयोजन होगा.

 

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