Jhansi Medical College: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हाल ही में एक दुखद घटना घटी, जिसमें आग लगने के कारण 10 बच्चों की जान चली गई. यह मेडिकल कॉलेज लगभग 56 साल पुराना है और अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण जाना जाता है. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी (MLBMCJ) के नाम से फेमस यह संस्थान भारत के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज परिसरों में से एक है, जो 380 एकड़ में फैला हुआ है
झांसी मेडिकल कॉलेज का इतिहास
झांसी मेडिकल कॉलेज की नींव वर्ष 1965 में रखी गई थी. इसे भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुशीला नायर ने शुरू किया था, जो झांसी लोकसभा सीट से सांसद भी थीं. डॉ. सुशीला नायर का उद्देश्य था कि बुंदेलखंड क्षेत्र के गरीब और पिछड़े इलाकों के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं. उन्होंने 16 दिसंबर 1965 को कॉलेज की आधारशिला रखी, और इसके बाद 1968 में यह मेडिकल कॉलेज पूरी तरह से तैयार हो गया.
झांसी मेडिकल कॉलेज का पहला बैच 50 छात्रों का था, जिन्हें एमबीबीएस में प्रवेश दिया गया. इसके बाद धीरे-धीरे मेडिकल कॉलेज ने अपनी पहचान बनाई और आज यह क्षेत्र के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में से एक है. इस कॉलेज के पहले प्रिंसिपल प्रोफेसर एस.आर. कपूर बने थे, जिन्होंने 1 सितंबर 1971 को कार्यभार संभाला था.
सुविधाएं और सुविधाएं
झांसी मेडिकल कॉलेज अपने विशाल परिसर और सुविधाओं के लिए जाना जाता है. 380 एकड़ के विशाल क्षेत्र में स्थित इस कॉलेज में कई आधुनिक चिकित्सा विभाग, लैब्स और रिसर्च सेंटर हैं. अस्पताल में कुल 700 बेड हैं, जो हर साल बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज करते हैं. इसके अलावा, यहां 45 सीनियर डॉक्टर्स और 200 जूनियर डॉक्टर्स के साथ-साथ 106 नर्सें भी काम करती है.
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