BED Vs BTC : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बीएड वर्सेस बीटीसी विवाद (BED Vs BTC Controversy) में बड़ा फैसला सुनाया है. SC के जजमेंट से बीटीसी धारकों को बड़ी राहत मिली है, जबकि बीएड के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को वैध माना और प्राइमरी स्कूल से बीएड धारकों को बाहर कर दिया है.
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अब सिर्फ बीटीसी धारक ही बन सकेंगे प्राइमरी स्कूल के टीचर
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में सिर्फ बीटीसी डिप्लोमा धारक पात्र होंगे. SC के इस फैसले से सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश की शिक्षक भर्ती पर असर पड़ेगा. इस वक्त सबसे बिहार में डेढ़ लाख पदों से टीचर भर्ती हो रही है और भविष्य में उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती हो सकती है. ऐसे में अब प्राइमरी स्कूल के टीचर सिर्फ बीटीसी डिप्लोमा धारक ही बन सकेंगे. बीएड डिग्री धारक प्राइमरी स्कूल यानी लेवल-1 के पात्र नहीं होंगे.
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जानें कैसे शुरू हुआ बीएड वर्सस बीटीसी विवाद
आपको बता दें कि साल 2018 में एनसीटीई ने एक अधिसूचना जारी कर बीएड डिग्रीधारकों को भी REET लेवल-1 के लिए योग्य माना था. एनसीटीई की इस अधिसूचना के खिलाफ बीटीसी डिप्लोमा धारकों ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की. राजस्थान हाई कोर्ट ने लेवल प्रथम में बीटीसी धारकों को वैध माना और बीएड अभ्यर्थियों को क्लास 1 से लेकर 5 तक के लिए अवैध माना. इसके बाद एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को बहाल करते हुए लेवल प्रथम से बीएड धारकों को बाहर कर दिया.
Source : News Nation Bureau