Kargil Vijay Diwas Speech In Hindi: 26 जुलाई को हर साल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को शहादत कुशल युद्ध नीति, वीरता, जवानों की बहादुरी, शौर्य और पराक्रम के रूप में याद किया जाता है.कारगिल विजय दिवस के अवसर पर हर किसी के दिल में देश प्रेम देखने को मिलता है. कागरिल दिवस पर कारगिल के युद्ध में शहीद हुए उन बहादुर सैनिकों को याद करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. उनकी वीरता को याद कर हर भारतवासी उन्हें नमन करता है.
इस कारगिल दिवस पर अपने स्कूल में स्टूडेंट्स स्पीच दे सकते हैं, अगर आप भाषण देने जा रहे हैं तो आपके लिए यहां कुछ ऑप्शन जिसकी मदद से आप एक शानदार भाषण तैयार कर सकते हैं.
यहां बैठे समस्त शिक्षकों को और मेरे साथियों को सुप्रभात
आज करगिल विजय दिवस है. इस मौके पर सभी को संबोंधित करते हुए मुझे गौरांवित महसूस हो रहा है. हर भारतीय गर्व से कारगिल विजय को याद कर रहा है. ये दिन हमारे सैनिकों की वीरता को याद करने का है.आज हम अपने घरों में सुरक्षित और शांति से सो पाते हैं तो केवल और केवल हमारे देश के महान सैनिकों की वजह से. आज इस कारगिल दिवस पर केवल हम शहीद हो चुके वीर सैनिक के साथ-साथ उन सैनिकों को भी धन्यवाद देंगे जिन्होंने देश को जीवन दे दिया. आज बॉर्डर पर हर हर परिस्थिति में देश की रक्षा कर रहे हैं.
26 जुलाई ये वही दिन है जह जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा कब्जाई गई चौकियों पर तिरंगा फहराया था. कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के हजारों सैनिकों को मार गिराया था.हमारे देश के वीर जवानों की वीरता की गाथा हर भारतीय को जाननी चाहिए. पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों के साथ मिलकर भारतीय क्षेत्र की कई रणनीतिक पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था. भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कब्जाई गई चौकियों को मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया. भारतीय सेना का ऑपरेशन विजय लगभग तीन महीनों तक चला था और सेना ने टाइगर हिल को 26 जुलाई, 1999 में वापस अपने कब्जे में लेते हुए जीत का परचम फहराया था.
यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर दुर्गम पहाड़ियों पर लड़ा गया था. ये युद्ध लड़ना इतना आसान नहीं था क्योंकि इतनी उंचे पहाड़ खराब मौसम सब को झेलना पड़ा था. लेकिन हिन्दुस्तानी सैनिक ने हार नहीं मानी और बहुत ही बहादुरी से लड़ाई लडी. करीब 60 दिनों तक चले इस युद्ध में कई भारतीय सैनिक भी शहीद हुए और सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. 26 जुलाई को भारत की जीत का ऐलान किया गया और कारगिल की चोटी पर तिरंगे लहराने लगे. दिन हम अपने सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भूलने की प्रतिज्ञा करें.
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