KVS Admission 2025: केंद्रीय विद्यालय भारत के टॉप स्कूलों में शामिल हैं. इस स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होगा. पूरे भारत में केंद्रीय विद्यालय के टोटल 1250 ब्रांच हैं. भारत के अलावा तीन अन्य देशों में भी केंद्रीय विद्यालय स्थापित है. केवी स्कूल इसलिए भी अलग है, क्योंकि यहां पर ट्रांसफर की पॉलिसी स्टूडेंट्स के लिए आसान बनाती है. ज्यादातर सरकारी नौकरी या फौज में भर्ती वालों के बच्चों को अक्सर ये करना पड़ता हैं, क्योंकि ट्रांसफर होने के कारण बच्चों के स्कूलों को भी बदलना पड़ता है.
केंद्रीय विद्यालय में ज्यादातर सरकारी नौकरी के बच्चे ही पढ़ते हैं. इसलिए केवी स्कूलों में ट्रांसफर की पॉलिसी को बनाया गया है. केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के नियम काफी सख्त हैं. केंद्रीय स्कूल की एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में ट्रांसफर के लिए कुछ नियमों को बनाया गया है. केवी स्टूडेंट्स ट्रांसफर पॉलिसी के तहत ही ट्रांसफर किया जाता है. चलिए जानते है इसकी पॉलिसी.
KV Student Transfer Policy: केंद्रीय विद्यालय स्टूडेंट ट्रांसफर पॉलिसी
पहला नियम- अगर माता-पिता एक शहर या जिले से दूसरे शहर में ट्रांसफर किया गया तो केवी से टीसी मिलने वाले बच्चों को ऑटोमैटिक एडमिशन मिल जाता है. अगर क्लास में स्टूडेंट्स की फुल हो जाएंगे तो उसके लिए दूसरा सेक्शन बनाया जाएगा.
दूसरा नियम- पैरामिलिट्री फोर्स या डिफेंस में काम कर रहे हो जब भी किसी गैर-पारिवारिक क्षेत्र या नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पोस्टिंग दे दी जाए तो वो अपने बच्चों को उस केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन दिलवा सकते हैं, जहां उनका परिवार रह रहा हो.
तीसरा नियम- इस नियम के तहत अगर माता-पिता किसी अन्य रिजन से केंद्रीय विद्यालय की दूसरी ब्रांच में करवाना चाहते हैं तो उन्हें उस जिले के डिप्टी कमिश्नर से टीसी के लिए अप्रूवल लेना होता है.
चौथा नियम- अगर आप प्रोजेक्ट या पास वाले केवी स्कूल एडमिशन लेना चाहते हैं जिसमें क्लास में स्टूडेंट्स के नंबर 45 से कम होनी चाहिए. हालांकि, KVS ने डीसी को यह अधिकार दिया है कि खास मैटर में वे निकटतम केंद्रीय विद्यालय में छात्र को एडमिशन दे सकते हैं.
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