Maharashtra SSC Board 2025: बोर्ड परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है, और 2025 में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र डेटशीट के जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच, महाराष्ट्र सरकार ने एक जरूरी फैसला लिया है. अब 10वीं के छात्र फेल नहीं किए जाएंगे. जी हां आपने सही सुना,अगर स्टूडेंट्स साइंस और मैथं में फेल भी होते हैं, तो उन्हें 11वीं कक्षा में प्रमोट किया जाएगा. यह जानकारी राज्य के स्कूल शिक्षा के लिए करिकुलम फ्रेमवर्क (SCF-SE) के तहत दी गई है.
नई नीति क्या है
नई शिक्षा नीति के अनुसार, अगर छात्रों को 10वीं में साइंस और मैथ में कम से कम 20 नंबर मिलते हैं, तो उन्हें अगली क्लास यानी 11वीं में प्रमोट किया जाएगा. इस फैसले का मकसद स्कूल ड्रॉपआउट दर को कम करना है. इससे यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि छात्रों को किसी एक विषय में कमजोर होने के बावजूद अन्य विषयों के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिले.
यह नीति केवल साइंस और मैथ जैसे दो विषयों पर लागू होगी, और अन्य विषयों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. इसके अलावा, छात्रों को अपने रिजल्ट सुधारने के लिए री-एग्जा देने का भी मौका मिलेगा. इस निर्णय के पीछे कुछ विवाद भी उठ रहे हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह से छात्रों को प्रमोट करना शिक्षा के स्तर को गिरा सकता है. उनका कहना है कि इससे प्रतिस्पर्धा की भावना कम होगी, और छात्र अपने कम नंबर से संतुष्ट होकर मेहनत करने से बच सकते हैं.
केवल दो ही विषय क्यों
महाराष्ट्र सरकार की इस नीति का प्रभाव छात्रों के भविष्य पर पड़ सकता है. साइं और मैथ को मेन और मुश्किल विषय माना जाता है, और कई लोगों का मानना है कि फेल छात्रों को पास करना एक गलत संदेश भेज सकता है. इससे इन विषयों के प्रति छात्रों की गंभीरता में कमी आ सकती है, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर डाल सकती है.
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