भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी (abhijeet banerjee) को 2019 का अर्थशास्त्र (economics) का नोबेल पुरस्कार (noble prize) से नवाजा गया है. साथ ही उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को भी अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज मिला है. उन्होंने वैश्विक गरीबी को कम करने में अहम भूमिका निभाई है. उनके द्वारा दिए गए अहम योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बता दें कि अभिजीत बनर्जी JNU के छात्र रहे हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है.
यह भी पढ़ें- Nobel Prize 2019: क्या आप जानते हैं अभिजीत बनर्जी के बारे में, जिन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
नोबेल प्राइज अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से दिया गया है. यह पुरस्कार तीनों हस्तियों को सोमवार को दिया गया. इन्होंने वैश्विक गरीबी को कम करने में अहम भूमिका निभाई है. उनके द्वारा दिए गए अहम योगदान के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है. अभिजीत अभी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रेाफेसर हैं.
यह भी पढ़ें- J&K और लद्दाख विकास और विश्वास के नए रास्ते पर चल पड़े हैं: पीएम नरेंद्र मोदी
अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) का जन्म कोलकाता में 21 फरवरी 1961 को हुआ था. उनका पूरा नाम अभिजीत विनायक बनर्जी है. वे भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं. उनकी मां का नाम निर्मला बनर्जी और पिता दीपक बनर्जी हैं. मां निर्मला सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रह चुकी हैं, जबकि पिता दीपक कलकत्ता के प्रसिडेंट कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष थे.
यह भी पढ़ें- ये हैं भारत के 10 नोबल पुरस्कार विजेता, रवीन्द्रनाथ टैगोर थे पहले
अभिजीत बनर्जी ने एमआईटी की लेक्चरार डॉक्टर अरुणधति तुली बनर्जी से विवाह किया था, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया. इसके बाद अभिजीत ने साल 2015 में अर्थशास्त्री एस्थर डूफलो के साथ विवाह किया. अभिजीत के साथ एस्थर को भी संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. बनर्जी ढेर सारे लेखें और पुअर इकनॉमिक्स समेत चार किताबों के लेखक हैं. उनकी किताब 'पुअर इकनॉमिक्स' को गोल्डमैन सैश बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब मिल चुका है.