Agneepath Scheme: दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है. अदालत ने केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर सभी 23 याचिकाओं को खारिज कर डाला है. अदालत का कहना है कि योजना में हस्तक्षेप करने का कोई सवाल नहीं उठता है. दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने सभी याचिकाओं को खारिज कर डाला है. सभी याचिकाओं में केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते साल 15 दिसंबर को सुनवाई पूरी करने का निर्णय सुरक्षित रख लिया था. अब ढाई माह के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया है. दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के लाभ गिनाए थे. इसका समर्थन किया था.
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बीते वर्ष 16 जून को इस योजना को केंद्र सरकार लेकर आई थी. योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवा इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. इनका चार साल का कार्यकाल होगा. इन चार सालों में उन्हें सेना के प्रशिक्षण के साथ पोस्टिंग भी मिलती है. चार साल के बाद 25 प्रतिशत युवाओं को आर्मी में रखकर 75 फीसदी युवा अपने अन्य करियर की ओर जा सकते हैं. इसे लेकर शुरुआत से ही कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा था. इनके खिलाफ याचिकाएं भी दाखिल की गई थीं. दसवीं पास उम्मीदवार अग्निवीर के लिए पात्र माने जाएंगे. उम्मीदवार को 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है.
इतना वेतन दिया जाएगा
अग्निवीर के पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों को नीचे बताए गए स्लॉट के अनुसार वेतन दिया जाएगा.
पहले वर्ष में - 30 हजार
दूसरे वर्ष में - 33 हजार
तीसरे वर्ष में -36,500
चौथे वर्ष में - 40 हाजार
चयन प्रक्रिया
अग्निवीर योजना के तहत उम्मीदवारों का चयन रैली, फिजिकल टेस्ट और लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाना है. अग्निवीर योजना के तहत चयन के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के लिए देश भर में करीब 200 सेंटरों पर कॉमन ऑनलाइन टेस्ट आयोजित होगा. ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन अप्रैल माह में हो सकता है.
HIGHLIGHTS
- साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवा इस योजना का लाभ उठा सकेंगे
- उम्मीदवार को 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है
- 200 सेंटरों पर कॉमन ऑनलाइन टेस्ट आयोजित होगा