DU के 20 कॉलेजों को मिलेंगे नए प्रिंसिपल्स, अभी हैं अस्थायी नियुक्तियां

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में प्रिंसिपल सहित शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक पदों की नियुक्ति हेतु एक सर्कुलर जारी किया है.

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Nihar Saxena
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कटऑफ 100 फीसदी जाने के बाद भी नहीं है अस्थायी प्रिंसिपल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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दिल्ली विश्वविद्यालय में 100 फीसदी तक कट ऑफ रही है. बावजूद इसके यहां 20 से अधिक कॉलेजों में स्थाई प्रिंसिपल नहीं हैं. अब दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने यह मामला संज्ञान में आने के बाद खाली पड़े इन पदों को भरने का आदेश जारी किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) ने कॉलेजों के चेयरपर्सन और गवर्निंग बॉडी को सर्कुलर जारी करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में प्रिंसिपल सहित शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक पदों की नियुक्ति हेतु एक सर्कुलर जारी किया है. बताते हैं स्थायी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में परमानेंट प्रिंसिपल्स के बिना ही 20 से अधिक कॉलेज चल रहे हैं. यह सभी दिल्ली सरकार से वित्त पोषित कॉलेजों हैं. इन कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल भी 13 सितंबर को समाप्त हो चुका है. दिल्ली विश्वविद्यालय के जिन कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल नहीं है उनमें श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज (सांध्य) मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य) सत्यवती कॉलेज, सत्यवती कॉलेज (सांध्य) शहीद भगतसिंह कॉलेज, शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य) श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, राजधानी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, गार्गी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, शिवाजी कॉलेज आदि शामिल हैं. इसके अलावा भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में इसी माह प्रिंसिपल सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

13 अक्टूबर की शाम जारी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय के सर्कुलर में कहा गया है कि इस संबंध में संबंधित कालेज, विश्वविद्यालय द्वारा मान्य आरक्षण रोस्टर तथा विज्ञापनों को तुरंत जारी करने की कार्यवाही करें. कॉलेजों को विज्ञापन तथा पदों को भरे जाने संबंधी दिशा-निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं. बैकलॉग पदों को भरने व ओबीसी सेकेंड ट्रांच के पदों को भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पिछले सप्ताह कॉलेजों को सकरुलर जारी कर पदों को भरने के लिए रोस्टर पास कराकर पदों को विज्ञापित करने के निर्देश दिए थे.

दिल्ली विश्वविद्यालय के सर्कुलर में कहा है कि शैक्षणिक पदों का रोस्टर रजिस्टर तैयार कर उसे पास कराया जाए. नियुक्ति विज्ञापन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद कॉलेज विश्वविद्यालय को औपचारिक तौर पर नियुक्ति संबंधी एक्सपर्ट पैनल के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन करें. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कॉलेजों को भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि अगर कहीं भी किसी कॉलेज में एक्टिंग या ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल कार्यरत हो तो उन पदों को नियमित आधार पर भरने हेतु जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाएं. दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी के न होने पर शिक्षकों ने चिंता जताई है. गवर्निंग बॉडी के न रहने से शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों पर नियुक्ति न होने से कॉलेजों का कार्य प्रभावित हो रहा है.

इन कॉलेजों में 20 ऐसे कॉलेज है जिनमें स्थायी प्रिंसिपल नहीं है. स्थायी प्रिंसिपलों के ना होने से शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया रुकी हुई है. दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में पिछले एक महीने से गवर्निंग बॉडी भी नहीं है. इन कॉलेजों में पिछले दो साल से पांच साल व उससे अधिक से प्रिंसिपलों के पद खाली पड़े हुए हैं. दिल्ली टीचर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि यह सब इतना जल्दी इसलिए हो रहा है ताकि शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी 24 अगस्त 2021 के सर्कुलर के अनुसार शिक्षकों के बैकलॉग पदों को एक साल के अंदर मिशन मोड़ के तहत भरा जा सके.

उनके अनुसार प्रिंसिपलों के पदों पर स्थायी नियुक्ति न होने से इन कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति भी नहीं हो पा रही है जबकि शैक्षिक पदों पर पदोन्नति की जा रही है. इसी तरह से लंबे समय से प्रिंसिपल पदों पर नियुक्तियां ना होने से 20 से अधिक कॉलेजों के प्रिंसिपलों के पद खाली पड़े हुए हैं. ये सभी दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेज है, जिनमें वर्षो से प्रिंसिपलों की नियुक्ति नहीं हुई. शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी इन पदों को भरने के लिए बार-बार लिख रहा है. हाल ही में नए वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत ही प्रिंसिपल, टीचर्स व गैर-शैक्षणिक पदों को भरने के निर्देश जारी किए हैं.

HIGHLIGHTS

  • बैकलॉग पदों को एक साल के अंदर मिशन मोड़ के तहत भरा जाएगा
  • दिल्ली विश्वविद्यालय के 20 से अधिक कॉलेजों में स्थाई प्रिंसिपल नहीं 
delhi university दिल्ली विश्वविद्यालय principal Adhoc Appointment प्रधानाचार्य अस्थायी नियुक्ति
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