दिल्ली विश्वविद्यालय में जल्द ही नए तरीके से ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया जाएगा. 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस लागू करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव (कॉलेजिज) ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी कॉलेजों के प्राचार्यो तथा संस्थान के निदेशकों को एक सर्कुलर जारी किया है. यह सर्कुलर दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों व संस्थानों में 10 फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों को भरने के संदर्भ में है. ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने के लिए 10 फीसदी अतिरिक्त पदों की आवश्यकता के विषय में शुक्रवार 24 जून तक कॉलेजों को जानकारी देने को कहा है ताकि शैक्षिक व गैर-शैक्षिक कर्मचारियों के कार्य के दबाव को कम किया जा सके. इस संदर्भ में उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा समय -समय पर जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए इन 10 फीसदी अतिरिक्त पदों को भरे जाने का हवाला दिया है.
एडहॉक टीचर्स को मिलेगी राहत
विश्वविद्यालय के कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटों के बढ़ने से सामान्य वर्गों के उन एडहॉक टीचर्स को राहत मिलेगी जिनकी सीटें ईडब्ल्यूएस में चली गई थीं. विश्वविद्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में कॉलेजों के प्राचार्यो से 10 फीसदी शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों के आंकड़े प्रस्तुत करने को कहा है. पिछले तीन साल से डीयू में ईडब्ल्यूएस से 10 फीसदी आरक्षण बढ़ने से छात्रों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2019 में कॉलेजों व विभागों में छात्रों के प्रवेश में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू कर दिया गया, जिससे शिक्षक-छात्र का अनुपात प्रभावित हुआ. डीटीए व अन्य शिक्षक संगठनों ने शैक्षिक व गैर-शैक्षिक कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार पड़ने पर सीटों की मांग की थीं. अब जाकर विश्वविद्यालय ने शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों पर 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों का सर्कुलर जारी किया है.
इसके पीछे यह है बड़ी वजह
शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय द्वारा छात्रों का 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण तो दे दिया गया, लेकिन 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें टीचिंग व नॉन टीचिंग की नहीं दी गई। हाल ही में जब रोस्टर में बदलाव होने से व सामान्य वर्गों से लगे एडहॉक टीचर्स बाहर होने लगे तभी विश्वविद्यालय प्रशासन ने 10 फीसदी अतिरिक्त सीटें देने के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण शैक्षिक व गैर-शैक्षिक पदों पर लागू कर कॉलेजों से जानकारी मांगी गई है जिसे कॉलेजों के प्राचार्य व लायजन ऑफिसर अपने रोस्टर रजिस्टर को खंगाल रहे है और फिर से रोस्टर रजिस्टर में 10 फीसदी अतिरिक्त सीटों को डाल रहे हैं.
कॉलेजों से मांगे गए हैं आंकड़े
डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि कॉलेजों के प्राचार्यों से ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संबद्ध अतिरिक्त 10 फीसदी आरक्षण लागू कर उसके आंकड़े मांगें गए हैं. इससे विश्वविद्यालय की मंशा स्पष्ट है कि अब सामान्य वर्ग से 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस सीटें न काटकर अतिरिक्त जोड़ने की बात की है. उनका कहना है कि यदि ये सीटें जुड़ती है तो पुन 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर में बदलाव करना पड़ेगा और कॉलेजों द्वारा शैक्षिक पदों को भरने के लिए जारी साक्षात्कार प्रक्रिया को रोककर पुन रोस्टर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास करवाना पड़ेगा और ऐसे में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया बाधित होगी. डॉ. हंसराज सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द हो इसके लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह से मांग की है कि 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटों का आवंटन जल्द से जल्द कराते हुए कॉलेजों का रोस्टर बनवाकर उसे पास कराकर पुन पदों को विज्ञापित कराए और शीघ्र ही स्थायी शिक्षकों के पदों की भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करें.
HIGHLIGHTS
- 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस की अतिरिक्त सीटों का आवंटन जल्द कराने की मांग
- 200 पॉइंट बेस रोस्टर में बदलाव करने से भर्ती प्रक्रिया होगी प्रभावित