शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के वाइस चांसलर व एक्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) के सदस्यों से मांग की है कि नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड में अतिथि शिक्षकों को दिया जाने वाला 1500 रुपए प्रति लेक्चर स्वीकृत किया जाए. अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे ईसी में पास नहीं किया है. शैक्षिक सत्र 2019-20 में ली गई कक्षाओं के लिए अतिथि शिक्षकों को मानदेय 1000 प्रति लेक्चर (Lecture) दिया गया, जबकि रेगुलर कक्षाओं व एसओएल में 1500 प्रति लेक्चर दिया जा रहा है. ईसी की 30 सितम्बर को हो रही मीटिंग में नॉन कॉलेजिएट के अतिथि शिक्षकों का मानदेय 1500 रुपए प्रति लेक्चर करने की मांग की है.
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बीते साल बढ़ा था मानदेय
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, यूजीसी ने जनवरी 2019 में अतिथि शिक्षकों का मानदेय 1000 रुपए प्रति लेक्चर से बढ़ाकर 1500 किया था. शैक्षिक सत्र 2019-20 में अतिथि शिक्षक संबंधी यूजीसी गाइडलाइंस को स्वीकार करते हुए डीयू से सम्बद्ध कॉलेजों, विभागों व एसओएल अपने अतिथि शिक्षकों को 1500 रुपए प्रति लेक्चर दे रहा है, लेकिन नॉन कॉलेजिएट में अभी तक 1000 रुपए ही दिया जा रहा है.
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साइन कराए 1500 पर दिए गए 1000 रुपए प्रति लेक्चर
उन्होंने बताया है कि अगस्त 2019 से जनवरी 2020 में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों को मानदेय 1000 रुपए प्रति लेक्चर के हिसाब से दिया गया, जबकि शिक्षकों से मानदेय फॉर्म 1500 रुपए प्रति लेक्चर के हिसाब से भरवाया गया. इस तरह उन्हें 500 रुपए काटकर दिए गए और कहा कि बाद में दिए जाएंगे. उनका कहना है कि कोरोना महामारी के समय जहां शिक्षकों को पैसे की बहुत आवश्यकता थीं उन्हें 500 रुपये कम देना शिक्षकों के साथ अन्याय है. उन्होंने शिक्षकों की बकाया राशि का जल्द भुगतान करने की मांग की है.
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शिक्षकों को एक हजार रुपए का नुकसान
प्रोफेसर सुमन ने कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या कई लाख है. सबसे ज्यादा अतिथि शिक्षक एसओएल में उसके बाद नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड में रखे जाते हैं. एसओएल में पिछले सितंबर से शिक्षकों को मानदेय नहीं दिया गया है और नॉन कॉलेजिएट ने सितंबर-दिसंबर सत्र 2019 का जो मानदेय दिया है वह 500 रुपए प्रति लेक्चर काट कर यानी एक दिन में दो कक्षाएं पढ़ाने को मिलती है तो 3000 रुपए बनते उसके 2000 रुपए दिए गए.
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ईसी में पास होगा नया मानदेय
डीटीए के मुताबिक शिक्षकों से जो बिल भरवाए गए वह 1500 प्रति कक्षा के हिसाब से भरवाया गया था. विश्वविद्यालय ने जो 500 रुपए की कटौती की इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. बोर्ड की निदेशक को भी इस संदर्भ में अवगत कराया गया है. डीटीए ने कहा कि बोर्ड की निदेशक ने कहा है कि आगामी ईसी की मीटिंग में 1500 प्रति लेक्चर का नोट्स भेजा गया है जो जल्द ही पास हो जाएगा.