आज 'हिंदी दिवस' मनाया जा रहा है. यह दिन सभी हिंदी भाषियों के लिए बेहद खास है. इस दिन हिंदी को देश की राजभाषा होने का गर्व प्राप्त हुआ था. हिंदी को 14 सितंबर 1949 के दिन राजभाषा का सम्मान दिया गया था. आज भारत में लगभग 77% लोग हिंदी पढ़ते, बोलते, लिखते और समझते हैं.
हिंदी दिवस का उत्सव 15 दिन पहले ही शुरू हो जाता है, इसे हिंदी पखवाड़ा के रूप में मनाया जाता है. विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, संगठनों में इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दौरान हिंदी निबंध, भाषण, कविता और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.
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हिंदी दिवस के मौके पर आज हम आपको खबर बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप हिंदी भाषी होने पर गौरवान्वित महसूस करेंगे. बदलते परिवेश में भले ही अंग्रेजी बोलना स्टेटस सिंबल का प्रतीक बन रहा है.
राजस्थान के जयपुर में हिंदुस्तान की सभ्यता की अनोखी तस्वीर देखने को मिली. यहां रसिया के छात्र ऑनलाइन हिंदी सीख रहे हैं. उनमें हिंदी सीखने की इतनी ललक थी कि वो भारत आकर रहने लगे. हिंदी के अलावा ये छात्र संस्कृत, पेंटिग और योग भी सीख रहे हैं.
ये छात्र हिंदी में ग्रंथ का भी ज्ञान ले रहे हैं. हिंदी जानने के लिए वो वेद, उपनिषद और गीता का अध्ययन भी कर रहे हैं. हिंदी और संस्कृत की जानकारी बेहद कम होने के कारण पहले उन्होंने हिंदी सीखनी शुरू की और धीरे-धीरे उस पर मजबूत पकड़ बना ली. वेदिक आर्टिस्ट रमुरामदेव उन्हें धर्मग्रंथों का पाठ पढ़ा रहे हैं. यह खबर उन लोगों को एक सबक है जो अंग्रेजी बोलना स्टेटस सिंबल समझते हैं. यह तस्वीर खुद को हिंदी भाषी होने पर गर्व महसूस कराती है.
Source : News Nation Bureau