Hindi Diwas 2020: आज 'हिंदी दिवस' मनाया जा रहा है. यह दिन सभी हिंदी भाषियों के लिए बेहद खास है. इस दिन हिंदी को देश की राजभाषा होने का गर्व प्राप्त हुआ था. हिंदी को 14 सितंबर 1949 के दिन राजभाषा का सम्मान दिया गया था. आज भारत में लगभग 77% लोग हिंदी पढ़ते, बोलते, लिखते और समझते हैं. हिंदी दिवस का उत्सव 15 दिन पहले ही शुरू हो जाता है, इसे हिंदी पखवाड़ा के रूप में मनाया जाता है. विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, संगठनों में इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दौरान हिंदी निबंध, भाषण, कविता और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.
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आज हिंदी भाषा विश्व पटल पर एक ग्लोबल लैंग्वेज बन गई है. न केवल भारत में शैक्षिण संस्थानों में लोग इस भाषा को सिखना चाहते हैं, बल्कि विश्व में इस भाषा का ज्ञान रखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. विश्व में आज लगभग 4% से अधिक लोग हिंदी भाषा लिखते, बोलते और समझते हैं.
कहा जाता है कि ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेजों ने भारत में अंग्रेजी का प्रभुत्व स्थापित किया. आजादी के बाद धीरे-धीरे अंग्रेजी संपन्न परिवारों की भाषा बनती गई. शिक्षा व्यवस्था में भी यह प्रवेश करने लगी. इसके बाद जब 1980 और 1990 में उदारीकरण, वैश्विकरण और औद्दोगीकरण के बाद जब बड़ी संख्या में विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत आईं तो हिंदी के लिए एक खतरा बन गया क्योंकि वह अपने साथ अंग्रेजी ले कर आईं. इस बात में आज भी कोई दो राय नहीं कि आज अधिकतर लोग अंग्रेजी भाषा में शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं, क्योंकि अंततः सबको नौकरी करनी है. अधिकतर कंपनी आपसे मांग करती हैं कि आपको अंग्रेजी का ज्ञान आवश्क रूप से होना चाहिए.
हिंदी ऐसे बनी आधिकारिक भाषा-
6 दिसंबर 1946 को आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान सभा का गठन हुआ. सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अंतरिम अध्यक्ष बनाए गए. इसके बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष चुना गया. डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी (संविधान का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी) के चेयरमैन थे. संविधान में विभिन्न नियम-कानून के अलावा नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और हजारों बोलियां थीं. काफी विचार-विमर्श के बाद हिन्दी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा चुना गया.
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया. बाद में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया. पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था.
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हिंदी भाषा एक संपन्न भाषा है, उसका अपना इतिहास है, व्याकरण है. साथ ही वह जनसमान्य की भाषा के रूप में जानी जाती है. यह बड़े कारण है जिसकी वजह से आज हिंदी युवा वर्ग की भाषा बनी हुई है. बदलते समय के साथ हर किसी को बदलना होता है, अगर वह ऐसा नहीं करता है तो वह पीछे छूट जाता है. ऐसे में हिंदी ने भी इस बात को आत्मसात किया है, वह निरंतर बदल रही है, निरंतर आधुनिक हो रही है. आज के दौर में सब कुछ आसान हो रहा है, सबकुछ दो मिनट के इंस्टेंट नूडल की तरह होना चाहिए. जरूरी है कि हम हिंदी को युवाओं की भाषा बनाएं, तभी वह प्रगतिशील भाषा के रूप में विकास कर पाएंगी.
Source : News Nation Bureau