UPSC Civil Service Result 2018: सिविल सेवा परीक्षा 2018 के टॉपर (UPSC Civil Exam Topper) कनिष्क कटारिया (Kanishk Kataria) ने शनिवार को कहा कि वह भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनना चाहते थे, जिसने उन्हें प्रतियोगी परीक्षा में बैठने के लिए प्रेरित किया. सिविल सेवा के लिए उन्होंने दक्षिण कोरिया की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में शानदार करियर को छोड़ दिया. आईआईटी बम्बई (IIT Bombay) से पढ़ाई कर चुके कनिष्क ने पहले ही प्रयास में केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में टॉप किया है. नतीजे शुक्रवार को घोषित किए गए थे.
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एक साल से ज्यादा वक्त तक सैमसंग के साथ काम कर चुके कटारिया ने एक मीडिया एजेंसी से बताया कि ऐसा लग रहा था कि मैं सिर्फ पैसा कमाने के लिए काम कर रहा हूं और मुझे संतुष्टि नहीं मिल रही थी. उन्होंने कहा कि मेरे दिल में कहीं न कहीं भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने की महत्वाकांक्षा पनपने लगी और फिर मैंने अपने देश लौटने का फैसला किया. यहां तक कि एक करोड़ रुपये का पैकेज भी मुझे भारत लौटने से रोक नहीं पाया.
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राजस्थान (Rajasthan) के रहने वाले कनिष्क के पिता सांवर मल वर्मा भी आईएएस अधिकारी (IAS Officer) हैं, जो फिलहाल राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक हैं. उनके चाचा के.सी. वर्मा जयपुर में संभागीय आयुक्त के पद पर तैनात हैं.
कटारिया ने हंसते हुए कहा कि बचपन से ही मैंने अपने पिता और चाचा को देश के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में काम करते हुए देखा है. मैं भी उनकी तरह बनना चाहता था, इसलिए मैंने सैमसंग से इस्तीफा दिया और जयपुर वापस आ गया.उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने मुझपर भरोसा जताया और सभी मेरे फैसले के साथ खड़े हुए.
Source : IANS