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Mahatma Gandhi death anniversary: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में अलबर्ट आइंस्टीन ने कही थी ये बड़ी बात

देश-दुनिया के साथ राजधानी में भी बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया जाएगा। दुनिया जानती है 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड्से ने बापू की हत्या कर दी थी

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Vikas Kumar
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Mahatma Gandhi death anniversary: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में अलबर्ट आइंस्टीन ने कही थी ये बड़ी बात

Mahatma Gandhi Death Anniversary( Photo Credit : फाइल फोटो)

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30 जनवरी 2020 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि है. महात्मा गांधी के बारे में महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन ने भी कहा था -‘आने वाली नस्लें शायद ही यकीन करे कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी इस धरती पर चलता-फिरता था।’ देश-दुनिया के साथ राजधानी में भी बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया जाएगा। दुनिया जानती है 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड्से ने बापू की हत्या कर दी थी। नाथूराम के भाई गोपाल गोडसे ने अपनी किताब में लिखा है कि जेल में बंद नाथूराम गोडसे की नजर एकबार गांधी जी के पुत्र देवदास गांधी पर पड़ी। नाथूराम ने गांधी जी की हत्या से उनके परिवार को हुए दुख पर खेद जताया था। दरअसल गांधी जी एक साधारण व्यक्ति थे जो सादा जीवन और उच्च विचार के डगर पर चलकर दुनिया को बड़े लक्ष्य कैसे हासिल करने है खिखा गए. आइये जानते हैं महात्मा गांधी के जीवन में पढ़ाई कहां से की और कितना कुछ हासिल किया.
आखिर कौन थे महात्मा गांधी
2 अक्टूबर 1869 को जन्मे गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा उनके जन्मस्थल पोरबंदर से ही हुई थी. अपने स्कूली पढ़ाई के दौरान गांधी काफी सामान्य छात्र रहे थे. वो न कक्षा में और न ही खेल के मैदान में प्रतिभाशाली थे.
इसके बाद गांधी जी 9 साल की उम्र में राजकोट चले गए, जहां उनके पिता ने एक काउंसल की भूमिका निभाई और उनकी काउंसलिंग की. 11 साल की उम्र में गांधी ने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूलमें दाखिला लिया. इसके बाद उनका एक साल खराब भी हुआ. 13 साल की उम्र में उन्होंने शादी की और पिता के बीमार होने के चलते भी स्कूल में संघर्ष किया.

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नवंबर 1887 में, 18 साल के गांधी ने अहमदाबाद के हाई स्कूल से ग्रेजुएशन पूरी की. जनवरी 1888 में, उन्होंने भावनगर राज्य के सामलदास कॉलेज में दाखिला लिया. उस समय में यह कॉलेज उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली डिग्री देने वाला एकमात्र संस्थान था. लेकिन फिर उन्होंने कॉलेज ड्रॉप-आउट किया.


1888 में ही गांधी जी वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन गए. जून 1891 में वो वकालत की पढ़ाई पूरी कर देश लौटे. 1893 में गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के वकील के तौर पर काम करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए.

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वहीं बता दें कि बाद में अल्फ्रेड हाई स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास करमचंद गांधी हाई स्कूल कर दिया गया. फिर बाद में 164 साल बाद, मई 2017 में स्कूल को संग्रहालय के लिए रास्ता बनाने के लिए बंद कर दिया गया.

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