वाराणसी में एक मुस्लिम महिला तुलसी दास रचित 'राम चरित मानस' का उर्दू में अनुवाद कर रही है. नाजनीन अब तक मानस के सात कांड में से पांच का अनुवाद कर चुकी हैं. उन्होंने बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड और सुंदर कांड का अनुवाद कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि अब 'युद्ध कांड' व 'उत्तर कांड' का अनुवाद किया जाना बाकी है. नाजनीन ने कहा, 'मैं पहले ही हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा व साईं चालीसा का उर्दू में अनुवाद कर चुकी हूं. मैं ये अनुवाद इसलिए कर रही हूं कि मैं चाहती है कि मुस्लिम भी हिंदू संस्कृति के बारे में जानें. मेरा मानना है कि मेरे समुदाय को भगवान राम के बारे में जानना चाहिए. इससे हिंदू व मुस्लिम और करीब आएंगे.'
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मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदस्य नाजनीन मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कार्य करती हैं. वह सम्राट अकबर को याद कर प्रेरणा पाती हैं, जिन्होंने एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद के लिए एक अलग विभाग ही बनवाया था.
वाराणसी के लल्लापुर के एक बुनकर की बेटी नाजनीन का कहना है कि उनका यह काम उन राजनेताओं को भी संदेश देगा जो नए नागरिकता कानून जैसे मुद्दों को लेकर धर्म के नाम पर भेदभाव करते हैं और एक-दूसरे से लड़ते और लड़ाते हैं.