NEET PG 2023: नीट पीजी की परीक्षा में बड़ा बदलाव किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट पीजी में क्वालीफाइंग पर्सेंटाइल को जीरो करने का निर्णय किया है. नेशनल मेडिकल काउंसिल NMC को बुधवार को सभी श्रेणियों में नीट पीजी 2023 को लेकर कट-ऑफ “शून्य” तक कम का फैसला लिया है. यह कदम इस वर्ष मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज में दाखिले के संबंध में लिया गया है. केंद्र सरकार के इस निर्णय को इस तरह से समझा जा सकता है. जो NEET- PG में शामिल हुआ है. इसके बाद अब बची हुई सीटों पर दाखिले का मौका मिलेगा. इस तरह उम्मीदवार काउंसलिंग प्रोसेस में हिस्सा ले सकते हैं.
अधिकारिक नोटिस जारी
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि NEET PG 2023 के लिए योग्यता प्रतिशत में कमी करने की सिफारिश पर विचार किया गया है. योग्यता प्रतिशत को घटाकर ‘शून्य’ करने को लेकर सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी दी गई है.
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अनुसार, इस निर्णय से बची हुईं सीटे भर सकेंगी. उन्होंने कहा, सभी पोस्ट ग्रेजुएशन सीटें एनईईटी-पीजी काउंसलिंग मानदंडों के अनुसार, भरी जाएंगी और चिकित्सा शिक्षा कर गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं होगा.
IMA ने बयान जारी किया
केंद्र सरकार की ओर से यह पत्र राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) को भी भेजा गया था. ये NEET PG द्वारा आयोजित किया जाता रहा है. इसके साथ ही मंत्रालय के चिकित्सा परामर्श प्रभाग और सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों (स्वास्थ्य) को भेजा गया था. इस आदेश के जवाब में आईएमए ने एक बयान जारी कर स्वास्थ्य मंत्री का आभार किया गया है. उन्होंने कहा कि उसने सरकार से ऐसा करने का अनुरोध किया था. बीते वर्ष काउंसलिंग के आखिरी दौर के लिए क्वालीफाइंग परसेंटाइल को घटाकर 30 करा गया था. उस वक्त लगभग 4 हजार सीटें खाली हो गई थीं. सरकार के इस कदम के जरिए स्ट्रीम में पीजी सीटें भरने का लक्ष्य रखा है.
स्टालिन ने किया विरोध
डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि NEET PG क्वालीफाइंग परसेंटाइल को शून्य तक कम करना प्रवेश परीक्षा ने सही ‘मानक’ को दर्शाता है. डीएमके ने हमेशा कहा कि एनईईटी केंद्र सरकार द्वारा केवल निजी कोचिंग सेंटरों और निजी मेडिकल कॉलेजों को लाभ पहुंचाने के लिए है. आज हम सही साबित हुए हैं.
Source : News Nation Bureau