काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कुछ पाठ्यक्रमों के लिए नई फीस को लेकर छात्रों का वर्ग अपनी आपत्ति दर्ज करा रहा है. बड़ी संख्या में छात्रों का मानना है कि विश्वविद्यालय को फीस का नया स्वरूप लागू नहीं करना चाहिए. छात्र चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में बीते वर्ष की भांति पुराना फीस स्ट्रक्चर लागू रहे. नई फीस को लागू न करने के संबंध में कुछ विद्यार्थी समूहों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा हैं. ज्ञापनों के जरिए उठाए गए विषयों पर गौर करने के लिए अब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने एक समिति का गठन किया है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा पहले ही यह स्पष्ट किया जा चुका है कि नई फीस केवल शैक्षणिक सत्र 2022-23 से प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए है.
विश्वविद्यालय का कहना है कि बीएचयू में वर्तमान में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने तक पुरानी फीस ही देनी है. पहले से पढ़ रहे छात्रों को नई फीस के दायरे में नहीं लाया जा रहा है. हालांकि अभी भी कुछ विद्यार्थी समूहों ने प्रस्तावित फीस के स्वरूप तथा छात्रावासों के शुल्क को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष कुछ विषय उठाएं हैं.
इन विषयों पर गौर करने के लिए बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो.यशवंत सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक प्रो.ए.एस.रघुवंशी, विज्ञान संकाय की संकाय प्रमुख प्रो.मधुलिका अग्रवाल, छात्र अधिष्ठाता प्रो.अनुपम नेमा तथा मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो.अभिमन्यु सिंह समिति में सदस्य के रूप में शामिल किये गए हैं. उप कुलसचिव डॉ.पुष्यमित्र त्रिवेदी समिति के सदस्य सचिव हैं.
समिति प्रस्तावित फीस पर विद्यार्थी समूहों के पक्षों पर भी गौर करेगी तथा इस संबंध में संबंधित पक्षों को अवगत कराएगी. साथ ही साथ समिति इस संदर्भ में विद्यार्थियों के विभिन्न समूहों के चुनिंदा प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करेगी.
Source : IANS