राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा 10वीं और 12 वीं की इस साल की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दिये जाने की खबर मिलते ही दिल्ली की जेलों में कैद 600 से अधिक कैदियों के चेहरे पर कुछ राहत नजर आई. उन्हें इन परीक्षाओं में शामिल होना था. जेल अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. जेल अधिकारियों ने कहा कि महामारी ने शैक्षणिक कैलेंडर को प्रभावित कर दिया और मार्च में कक्षाएं रद्द करनी पड़ी. इसलिए, केवल 20-30 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही पूरा किया जा सका. इससे पहले परीक्षाएं दो बार स्थगित कर दी गई थी और अंत में जुलाई में निर्धारित की गई थी.
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इससे पहले, दिल्ली की जेलों में एनआईओएस के पाठ्यक्रम के तहत विभिन्न एनजीओ के संकायों द्वारा सप्ताह में पाँच दिन कक्षाएं आयोजित की जाती थी. दिल्ली में तीन जेल हैं, जो तिहाड़, मंडोली और रोहिणी में हैं. नियमित रूप से कैदियों के साथ बातचीत करने वाले जेल अधिकारियों और वार्डन ने बताया कि जैसे ही परीक्षा रद्द होने की खबर उम्मीदवारों के साथ साझा की गई, उनमें से कई बहुत खुश हुए और उन्होंने रात की सांस ली.
इस महीने की शुरुआत में एनआईओएस ने एक परिपत्र जारी कर परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की थी. अब परिणाम एनआईओएस की एक समिति द्वारा निर्घारित मूल्यांकन योजना के आधार पर घोषित किए जाएंगे. दिल्ली कारागार के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तीन जेलों से कुल 552 कैदियों ने एनआईओएस के माध्यम से 10वीं कक्षा और 62 कैदियों ने 12वीं कक्षा में दाखिला लिया था.
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मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर के बीच साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं. दसवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले 552 कैदियों में से 366 तिहाड़ के हैं, जबकि 17 रोहिणी के और 169 कैदी मंडोली जेल के हैं. इस साल 12वीं कक्षा में दाखिला लेने वाले 62 कैदियों में 45 तिहाड़ से हैं, चार रोहिणी से और 13 मंडोली जेल से हैं.
Source : Bhasha