प्रोफेसर मेहता, सुब्रमण्यन का जाना बड़ा नुकसान है : ट्रस्टी बोर्ड के प्रमुख

अशोक यूनिवर्सिटी में लाने के लिए मैंने हमारी फैकल्टी के साथ और कुलपति के रूप में काफी काम किया है. वह मेरे लिए केवल एक बुद्धिजीवी ही नहीं, बल्कि मेरे अच्छे दोस्त भी हैं.

author-image
Shailendra Kumar
New Update
Trustee Board chief

प्रोफेसर मेहता, सुब्रमण्यन का जाना बड़ा नुकसान है : ट्रस्टी( Photo Credit : IANS)

Advertisment

अशोक यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी बोर्ड के चेयरमैन आशीष धवन ने स्वीकार किया है कि प्रोफेसर प्रताप भानु मेहता और प्रोफेसर अरविंद सुब्रमण्यन का जाना संस्थान के लिए एक बड़ा नुकसान है. हालांकि यह कहने के साथ-साथ उन्होंने छात्रों को आश्वस्त भी किया कि इस मामले को लेकर उन्हें डरने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. छात्रों और पूर्व छात्रों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, "एक संस्था के रूप में हम हर पहलू में स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध हैं और यह प्रतिबद्धता कभी खत्म नहीं होती." धवन ने कहा कि उन्हें उन कारणों को लेकर गहरा अफसोस है, जिनके कारण प्रो. मेहता और सुब्रमण्यन को यहां से जाना पड़ा. अपने पत्र में उन्होंने कहा, "मैं एक दशक से ज्यादा समय से प्रोफेसर प्रताप भानु मेहता को करीब से जानता हूं.

उन्हें अशोक यूनिवर्सिटी में लाने के लिए मैंने हमारी फैकल्टी के साथ और कुलपति के रूप में काफी काम किया है. वह मेरे लिए केवल एक बुद्धिजीवी ही नहीं, बल्कि मेरे अच्छे दोस्त भी हैं. प्रताप, मैं और प्रो. अरविंद सुब्रमण्यन, हम सबने साथ मिलकर अशोक यूनिवर्सिटी बनाई है. इसके लिए साथ मिलकर काम किया है, जिसके लिए मैं खुद को सम्मानित महसूस करता हूं. अशोक के निर्माण में जिस तरह इन दोनों के साथ काम करना बहुत खुशी की बात है, वैसे ही उनका जाना उतने ही दुख की बात है. मुझे इस स्थिति के लिए बहुत अफसोस है और हमें ऐसा होने की कोई आशंका भी नहीं थी. इसमें कोई संदेह नहीं है प्रोफेसरों मेहता और सुब्रमण्यन की विदाई से हम सभी को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन आप सभी के लिए डरने की कोई बात नहीं है."

वहीं कुलाधिपति रुद्रांशु मुखर्जी ने भी उन हमलों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें मेहता द्वारा हाल ही में दिए गए इस्तीफे को लेकर अशोक यूनिवर्सिटी की उसके मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता, संस्थापक और ट्रस्टी की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

मुखर्जी ने कहा है, "प्रताप मेरे करीबी दोस्त हैं और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. उसे अशोक में लाने में मैं भी शामिल था. उसने अशोक के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया है. जो कुछ हुआ, उस पर हम सभी को अफसोस है. हमें यकीन है कि सब ठीक हो जाएगा. आज जब संस्थापकों पर अकादमिक स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता करने की बात कहकर हमला किया जा रहा है, तो कुलाधिपति के रूप में मैं यह स्पष्ट कर दूं कि संस्थापकों ने कभी भी शैक्षिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया है. बल्कि फैकल्टी को पाठ्यक्रम बनाने, शिक्षण-मूल्यांकन के अपने तरीकों का पालन करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है."

 

HIGHLIGHTS

  • अशोक यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी बोर्ड के चेयरमैन आशीष धवन ने स्वीकार किया है
  • प्रोफेसर प्रताप भानु मेहता और प्रोफेसर अरविंद सुब्रमण्यन का जाना एक बड़ा नुकसान
  • 'एक संस्था के रूप में हम हर पहलू में स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध हैं'
Profs Mehta Subramanian ट्रस्टी बोर्ड के प्रमुख प्रोफेसर मेहता सुब्रमण्यन ट्रस्टी बोर्ड
Advertisment
Advertisment
Advertisment