देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन हुआ था. उन्होंने अपने जन्मदिन को स्कूल में छात्रों से शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी. तब से हर साल शिक्षक दिवस मनाए जाने लगा. छात्र इस दिन अपने शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान जारी करते हैं. राधाकृष्णन बहुत ही विद्वान थे. बता दें साल 1994 में यूनेस्को ने शिक्षकों के सम्मान में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाने का ऐलान किया था. लेकिन भारत सहित कई देश ऐसे हैं जो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं. आईए आज हम आपको शिक्षक दिवस से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं, जो हर भारतीय को पता होनी चाहिए.डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन मानते थे कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए. वहीं डॉ. राधाकृष्णन के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा एक शिक्षक बने, वो चाहते थे कि उनका बेटा एक पुजारी बने.
स्टेशन तक फूलों से किया गया था स्वागत
राधाकृष्णन बहुत ही बुद्धिमान छात्र थे. दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग अलग तारीखों पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है. 1980 में 7 मार्च को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में चुना गया. अफगानिस्तान में भी 5 अक्टूबर को ही यह दिवस मनाया जाता है. वहीं राधाकृष्णन के प्रोफेसर उनके लेक्चर से इतने प्रभावित थे, उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय में उनको बतौर चेयर स्थापित करने का फैसला कर लिया. वहीं राधाकृष्णन के छात्र उनसे इतने खुश थे कि जब वो कलकता जा रहे थे ,तब उन्हें स्टेशन तक फूलों की बग्घी में ले जाया गया था.
Source : News Nation Bureau