देश में अक्सर मुगलों का महिमामंडन किया जाता रहा है. यहां तक की हमारी स्कूलों में मुगलों की बातों को सदियों से पढ़ाया जाता रहा है. इतना ही नहीं, यहां तक दावे भी किए जाते हैं कि औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भारत में रहते हुए मंदिरों की रक्षा की और उनकी देखरेख का जिम्मा उठाया था. मगर स्कूलों में पठाए जाने वाले पाठ्यक्रम में मुगलों को लेकर NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के पास इसकी पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक विवरण ही मौजूद नहीं है? एक आरटीआई (RTI) के जवाब में NCERT की प्रतिक्रिया के बाद यह खुलासा हुआ है.
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18 नवंबर 2020 को एक आरटीआई आवेदन दायर किया गया था, जिसमें NCERT की पुस्तकों (जिन्हें स्कूलों में पठाया जाता रहा है) में किए गए दावों के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी थी. विशेष रूप से आरटीआई में उन स्रोतों की मांगी गई, जिसमें NCERT की कक्षा 12वीं में इतिहास की पुस्तक में यह दावा किया गया था कि ‘जब (हिंदू) मंदिरों को युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था, तब भी उनकी मरम्मत के लिए शाहजहां और औरंगजेब ने अनुदान जारी किए थे.'
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आरटीआई में शाहजहां और औरंगजेब द्वारा मरम्मत किए गए मंदिरों की संख्या भी पूछी गई थी. हालांकि एनसीईआरटी की ओर से दिए गए इन दोनों सवालों के जवाब बेहद चौंकाने वाले हैं. इन सवालों पर प्रतिक्रिया के तौर पर एनसीईआरटी ने जवाब में कहा था- 'विभाग की फाइलों में जानकारी उपलब्ध नहीं है.' एनसीईआरटी के जवाब की प्रतियां सोशल मीडिया पर भी वायरस हुई हैं. एक महिला डॉक्टर इंदु विश्वनाथन ने NCERT द्वारा RTI के अनुरोध के इस जवाब की प्रति ट्वीट की है और इस पर प्रतिक्रिया करने वाले सभी लोग हैरान हैं.
Source : News Nation Bureau