केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स द्वारा मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day 2021) के अवसर पर एक विशेष सेमिनार आयोजित किया गया. सेमिनार का शीर्षक 'शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना' था. इस सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने कहा कि मातृभाषा हर छात्र के लिए बेहद जरूरी है. शिक्षा मनोविज्ञान में हुए अनुसंधानों से यह बात साबित होती है कि मातृभाषा में बच्चे जल्दी और ज्यादा सीखते हैं. मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने से वो आनंद का अनुभव प्राप्त करते हैं और इतना ही नहीं छात्रों के आत्म-सम्मान में भी बढ़ोत्तरी होती है.
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इसके अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने मातृभाषा के लिए केंद्र सरकार की गंभीरता के बारे में बात करते हुए कहा, मातृभाषा की महत्ता से केंद्र सरकार भलीभांति अवगत है. मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा देश की तमाम भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिए अनेक प्रकार के कदम उठाए गए हैं.
डॉ. निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा (Mother Language) के विकास के लिए दिए गए प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है जहां 121 से अधिक भाषाएं प्रचलित हैं. हालाकि, यहां की 97 फीसदी से अधिक आबादी उन 22 भाषाओं का प्रयोग करती है जिन्हें अनुसूचित भाषाएं कही जाती हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति में कई ऐसी योजनाओं का प्रावधान दिया गया है जिनसे भारत में एक बहुभाषिक समाज के निर्माण में सहायता मिलेगी जो तकनीकी ज्ञान के भार का वहन करने की क्षमता रखेगा.
डॉ. रमेश पोखरियाल ने केंद्र सरकार द्वारा भाषा विकास एवं भाषा संवर्धन की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी सबको बताया. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
Source : IANS