October में होने वाली उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( Uttar Pradesh Teacher Eligibilty Test-UP TET) में इस बार डीएलएड और बीएड फर्स्ट सेमेस्टर वाले छात्र भी सम्मिलित होंगे. परसुइंग/अपीयरिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के 16 जुलाई के आदेश ने इन प्रशिक्षुओं के परीक्षा में शामिल होने का रास्ता साफ कर दिया है. इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज को नियमों में फेरबदल करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि परसुइंग (Pursuing) शब्द का अर्थ है एक व्यक्ति जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में एडमिशन ले चुका है अर्थात प्रशिक्षणरत है.
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परीक्षा परिणाम की घोषणा, परीक्षा में भाग लेना या फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आदि TET में भाग लेने के मापदंड नही हो सकते. इसलिए एक उम्मीदवार जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर रहा है वो टीईटी में बैठने के लिए पात्र होगा.
सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने 30 मई 2018 के आदेश में माना था कि TET का परिणाम घोषित होने से पहले टीचर ट्रेनिंग (डीएलएड या बीएड आदि) का परिणाम आ जाना चाहिए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यहा राइडर उचित नहीं माना है. लिहाजा TET की गाइडलाइन में डीएलएड या बीएड आदि शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स की अंतिम वर्ष की बाध्यता केंद्र व राज्य सरकारों को हटानी होगी.
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यही नहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को सीटीईटी में भी यह बाध्यता हटानी होगी. हालांकि इससे पहले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को भी इस आशय का निर्देश सभी को भेजना होगा.
HIGHLIGHTS
- अब UP TET की परीक्षा दे पाएंगे डीएलएड और बीएड फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र.
- सुप्रीम कोर्ट ने परसुईंग शब्द की परिभाषा पर भी गौर फरमाया.
- इसके लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज को नियमों में फेरबदल करना होगा.