रेलटेल की सीएसआर परियोजना के अंतर्गत संचालित आकांक्षा सुपर 30, जो उत्तराखंड के वंचित छात्रों के लिए है, उसने साल 2016 से 2021 के दौरान उल्लेखनीय 94 फीसदी समग्र सफल परिणाम दिए हैं. इसके साथ ही पिछले सत्र 2020-21 में परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं और 30 में से 28 छात्रों ने जेईई परीक्षा पास की है. इंजीनियरिंग स्नातक की पढ़ायी पूरी करने के बाद छात्रों को एलएंडटी, टीसीएस, आईबीएम जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिला है. इस परियोजना ने इस अवधि के दौरान आईआईटी और विभिन्न अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग करने वाले 167 छात्रों के जीवन में परिवर्तन ला दिया है.
उत्तराखंड के सुपर 30 छात्रों के लिए पहल
एक यथार्थ और सफल सामाजिक सेवा पहल में, मिनीरत्न, रेल मंत्रालय के अंतर्गत केंद्र सरकार की पीएसयू रेलटेल कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया उत्तराखंड राज्य के वंचित छात्रों के लाभ के लिए देहरादून में रेलटेल-आकांक्षा सुपर 30 परियोजना को क्रियान्वित कर रही है. यह रेलटेल द्वारा आरंभ की गई कॉपोर्रेशन सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों में से एक है. 2016 में इस परियोजना के आरंभ किए जाने से 2021 तक, इस परियोजना की समग्र सफलता दर 94 प्रतिशत रही है जो एक उत्कृष्ट उपलब्धि है. वर्तमान 2021-22 का सत्र इस परियोजना का सातवां बैच है. पिछले 2020-21 के सत्र में, परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं और 30 में से 28 छात्रों ने जेईई परीक्षा उत्तीर्ण की है. इंजीनियरिंग स्नातक की पढ़ायी पूरी करने के बाद, कई छात्रों को एलएंडटी, टीसीएस, आईबीएम आदि प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिली है.
लिखित और साक्षात्कार के बाद जाते हैं चुनें
आकांक्षा सुपर 30 परियोजना का उद्देश्य, वंचित लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को आवासीय कोचिंग, बोर्डिंग और लॉजिंग सुविधा मुहैया कराकर उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता को मजबूत करके उन्हें आईआईटी व जेईई, जो इच्छुक इंजीनियरों के लिए सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है, के लिए तैयार करके उनके जीवन में परिवर्तन लाना है. इस योजना के अंतर्गत, वंचित छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की निष्पक्ष और परिश्रमी प्रक्रिया के माध्यम से उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के स्कूलों से चुना जाता है. छात्रों का चयन परीक्षा में अंकों, उनकी वित्तीय स्थिति और सरकार के मानदंडों के अनुपालन के आधार पर किया जाता है.
चयनित छात्रों को देहरादून में सुविधाएं
चयनित 30 छात्रों को देहरादून में एक आवासीय परिसर में रखा जाता है और उन्हें निशुल्क रहने का आवास, भोजन, चिकित्सा देखभाल, कोचिंग, मार्गदर्शन आदि उपलब्ध कराए जाते हैं. आवासीय परिसर को संकायों, कर्मचारियों और छात्रों के बीच संयुक्त रुप से एक दूसरे का आदर सत्कार करने, अधिकतम सहयोग, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और टीम के रुप में कार्य करने के ढंग से डिजाइन किया गया है. कार्यक्रम की अवधि आम तौर पर 11 महीने या इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए अंतिम परीक्षा आयोजित होने तक होती है. परियोजना की विशिष्ट विशेषताओं में स्मार्ट क्लासरूम, पर्सनलाइज्ड कंप्यूटर लैब, अत्यधिक अनुभवी फैकल्टी सदस्य, विशेष रूप से डिजाइन की गयी पैटर्न प्रूफ अध्ययन सामग्री, आवधिक परीक्षण, विशेष रुप से डिजाइन किए गए शैक्षणिक मॉड्यूल, अकादमी के अधिकारी द्वारा प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत रुप से नजर रखना, लड़कियों के लिए निर्भय और सुरक्षित प्रवास शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- 167 छात्रों के जीवन में परिवर्तन ला दिया
- इंजीनियरिंग की फ्री कोचिंग से संवरता भविष्य