ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के अंतर्गत जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) 'वैश्विक कानूनी शिक्षा का वर्तमान और भविष्य' विषय पर सही मायने में एक अंतर्राष्ट्रीय लॉ स्कूल शिखर सम्मेलन पेश करेगा. अपनी तरह का अकेला यह शिखर सम्मेलन 1 से 3 दिसंबर तक चलेगा. शिखर सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक कानूनी शिक्षा के वर्तमान और भविष्य की परिकल्पना के लिए 21 विषयगत सत्रों, आठ विशेष संवादों, दो बोलचाल और तीन मुख्य भाषणों में छह महाद्वीपों और 35 से अधिक देशों के 150 से ज्यादा विचारशील नेताओं को एक साथ लाना है.
सम्मेलन का उद्घाटन भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे. उद्घाटन समारोह में मार्गरेट बेजले एसी क्यूसी, पूर्व राष्ट्रपति, न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) कोर्ट ऑफ अपील और गवर्नर, एनएसडब्ल्यू, ऑस्ट्रेलिया का मुख्य भाषण और जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति गीता मित्तल का विशेष भाषण भी देखा-सुना जाएगा. शिखर सम्मेलन का समापन कानूनी पेशे और भारतीय राजनीति के प्रतिष्ठित सदस्यों की उपस्थिति में होगा. समापन भाषण भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता देंगे और विशेष भाषण संसद सदस्य (राज्यसभा) और कानून व न्याय मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य सस्मित पात्रा देंगे.
बयान में कहा गया है, जैसा कि हम एक महामारी के बाद की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, न्याय की मांग न केवल विस्तारित होगी, बल्कि पहले की तुलना में अधिक जटिल भी होगी. वैश्विक के वर्तमान और भविष्य की परिकल्पना करने के लिए कानूनी शिक्षा के दुनियाभर के नेताओं का एक साथ आना बहुत महत्वपूर्ण है. कानूनी शिक्षा छात्रों, शिक्षाविदों और राष्ट्रों के भविष्य को प्रभावित करेगी. इसमें 100 से अधिक कुलपति, वर्तमान और पूर्व डीन, प्रिंसिपल, प्रमुख, निदेशक और लॉ स्कूलों के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं. यह सम्मेलन भारत, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका के 13 न्यायाधीशों और कानून 1 फर्म भागीदारों की उपस्थिति से भी गौरवान्वित होगा.
HIGHLIGHTS
- 35 से अधिक देशों के 150 से ज्यादा नेता लेंगे भाग
- सम्मेलन का उद्घाटन विधि मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे