भारत एक प्रायद्वीप है, जो तीनों तरफ से संमदर से घीरा हुआ है.भारत में तटीय सीमा लगभग 7516.6 किलोमीटर है. वहीं भारत में के कुल 9 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश सीमा से मिल हुए है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन समुद्र में सुंदर-सुंदर मोती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इन तीनों समुद्र में सबसे ज्यादा कहां मोती पाए जाते हैं. इसके साथ ही आपको भारत के समुद्र को लेकर भी कई जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी.
भारत में मोती हर से होती है सुंदर और अच्छी
भारत की तटरेखा कुल 7516.6 किलोमीटर लंबी है, जिसमें से मुख्य भूमि की तटरेखा 5422.6 किलोमीटर और द्वीप क्षेत्र की तटरेखा 2094 किलोमीटर है. यह तटरेखा हिंद महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और लक्षद्वीप सागर से घिरी हुई है. पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण पश्चिम में लक्षद्वीप सागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में हिंद महासागर का प्रभाव देखने को मिलता है.भारत के पश्चिमी तट पर महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और गोवा का कोंकण और मालाबार तट पश्चिमी घाट के किनारे स्थित है.
इसके उल्ट, पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी और पूर्वी घाट के बीच एक बड़ा क्षेत्र फैला हुआ है, जिसे कोरोमंडल तट के नाम से जाना जाता है. गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, दमन और दीव जैसे भारतीय राज्य अरब सागर के किनारे बसे हुए हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुदुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप बंगाल की खाड़ी के सामने हैं.
भारत में मोती कितने समय में बनती है?
भारत में मोती की क्वाइलिटी पूरे वर्ल्ड में फेमस है. इसकी वजह भारत की समुद्री जलवायु है, जो मोती के उत्पादन के लिए दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे अच्छी मानी जाती है. पर्ल एक्वाकल्चर के विशेषज्ञ डॉ. अजय सोनकर के अनुसार, जापान जैसे देशों में मोती बनने में तीन साल से अधिक का समय लगता है, जबकि भारत में अंडमान के स्वच्छ और शांत समुद्री जलवायु में मोती केवल छह महीने से एक साल में बनकर तैयार हो जाता है. अंडमान द्वीप समूह में मोती की सबसे अधिक उपज होती है.
डॉ. सोनकर ने बताया कि जापान का समुद्री पानी ठंडा और प्रदूषित हो गया है, जिससे वहां मोती बनने पर असर डालता है. जापान में समुद्री जलवायु में बदलाव और निर्माण गतिविधियों के कारण सीपों की संख्या में कमी आई है और मोती का उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसके उल्ट, भारत की जलवायु और पर्यावरण मोती के उत्पादन के लिए बहुत अनुकूल है, जिससे भारतीय मोती की गुणवत्ता अधिक अच्छी मानी जाती है.
मोती कैसे बनता है?
समुद्र में रहने वाले घोंघा प्रजाति के जीव मोती को बनाते हैं. इन घोंघों का एक मजबूत खोल होता है जिसे सीप कहा जाता है. जब सीप के खोल में किसी कारण से छेद हो जाता है और अंदर बालू के कण चले जाते हैं, तो सीप बालू के कणों को एक खास पदार्थ से ढकने लगती है. यह खास पदार्थ कैल्शियम कार्बोनेट होता है, जो सीप के अंदर पैदा होता है. समय के साथ यह पदार्थ एक सफेद, चमकदार और गोलाकार पत्थर के रूप में बदल जाता है, जिसे मोती कहते हैं.
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