Ratan TaTa Education:विद्या हमेशा विनम्रता देती है, इस बात को हर कोई अपने जीवन में नहीं उतार पाता, लेकिन जिनके पास वाकई ज्ञान होता है उनका स्वभाव शांत और नम्र हो जाता है, इस बात का उदाहरण अगर देखना है तो आप रतन टाटा को देख सकते हैं. जिन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया, रतन टाटा भले ही एक बड़े बिजनेस मैन थे लेकिन उन्हें लोग उनके व्यक्तिव के लिए पसंद करते थे. उनका स्वभाव, उनकी बातें, दूसरों के प्रति उनका पॉजिटिव नजरिया. हर किसी को समान भाव से एक जैसी इज्जत देना उन्हें और महान बनाता है. रतन टाटा को भारत का कोहीनूर कहा जाता है. रतन टाटा काफी पढ़े-लिखें थे. चलिए जानते हैं उनका एजुकेशन.
यहां से की थी पढ़ाई
शुरुआती पढ़ाई बॉम्बे के कैंपियन स्कूल से हुई. कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल और शिमला के बिशप कॉटन स्कूल पहुंचे.रतन टाटा का जन्म मुंबई में भारत के सबसे धनी और प्रतिष्ठित व्यापारिक परिवारों में से एक में हुआ था.उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से architecture और structural इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की. उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट कोर्स पूरा किया. इसके बाद रतन टाटा 7 साल अमेरिका में रहे.
भारत वापस आने के बाद 1962 में जमशेदपुर में टाटा स्टील में बतौर असिस्टेंट काम करना शुरू किया.अप्रेंटिस के बाद उन्हें प्रोजेक्ट मैनेजर बनाया गया. अपने काम करने के तरीके से वो बुलंदियां छूने लगे और मैनेजिंग डायरेक्टर एसके नानावटी के स्पेशल असिस्टेंट बन गए. उनकी सोच और काम करने के अंदाज ने उनका नाम बंबई तक पहुंचा दिया और जेआरडी टाटा ने उन्हें बॉम्बे बुला लिया. इसके बाद रतन टाटा ने अपने काम से एक पहचान बनाई और आज दुनिया भर में उनकी पहचान है. रतन टाटा एक महान व्यक्तिव वाले इंसान थे.
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