6 फरवरी यानी कि आज से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB)बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा शुरू हो रही है. ऐसे में प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है. बोर्ड परीक्षा में नकल की समस्या से निजात पाने के लिए बीएसईबी ने इस बार कई सारे सख्त नियम बना दिए हैं. मेडिकल के लिए दिए जाने वाले प्रवेश परीक्षा 'NEET' की तर्ज पर बिहार बोर्ड ने छात्रों को जूते-मोजे पहन कर परीक्षा में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बिहार बोर्ड की 12वीं की परीक्षा 6 फरवरी से 16 फरवरी तक आयोजित होगी. वहीं मैट्रिक की परीक्षा 21 फरवरी से 28 फरवरी के बीच होगी.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मुताबिक इस बार परीक्षा में कुल करीब 13, 15, 371 छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे है. इसमें 7,62,153 छात्र और 5,53,198 छात्राएं हैं. बोर्ड ने परीक्षा के लिए राज्य के अलग-अलग जिलों में 1339 परीक्षा केंद्र बनाए हैं.
परीक्षा में जानें से पहले इन बातों को रखें खास ध्यान
- परीक्षा शुरू होने से 10 मिनट पहले एग्जाम सेंटर पहुंच जाए नहीं तो एग्जाम हॅाल में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.
- परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन में प्रवेश पत्र और कलम के अलावा कुछ भी ले जाने की इजाजत नहीं है. बोर्ड के अनुसार, 'परीक्षा केंद्र में कैल्कुलेटर, मोबाइल फोन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे ब्लूटुथ, इयरफोन आदि लाना/प्रयोग करना वर्जित है.'
- प्रश्न पत्र में दिए गए निर्देश को ध्यान से पढ़ें क्योंकि कई बार हर दिन इसमें बदलाव कर दिए जाते है. इसलिए दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें.
- उत्तर पुस्तिका और OMR आंसर शीट पर व्हाइटनर, रबड़, नाखून, ब्लेड आदि का इस्तेमाल नहीं करें वरना रिजल्ट अमान्य कर दिया जाएगा.
- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर के द्वारा जारी दिशानिर्देशों के तहत विद्यार्थियों को परीक्षा भवन में जूता-मोजा पहनकर आना वर्जित है अन्यथा परीक्षा भवन में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.
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बोर्ड के मुताबिक, 'परीक्षा के समय परीक्षा केंद्र पर हर 25 विद्यार्थी पर 1 वीक्षक की प्रतिनियुक्ति की गई है. वीक्षक की जिम्मेदारी है कि वे अपने अंतर्गत 25 विद्यार्थी की तलाशी करते हुए इस आशय का घोषणा पत्र भरेंगे कि इन विद्यार्थियों की जांच कर ली गई है और उनके पास कोई आपत्तिजनक सामान नहीं पाया गया है.'
पिछले साल भी 12वीं बोर्ड की परीक्षा के दौरान नकल के आरोप में लगभग 1,000 परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया गया था.
समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा था कि सबसे अधिक 104 परीक्षार्थी गया जिले से निष्कासित किए गए थे. इस दौरान 24 फर्जी परीक्षार्थियों को भी पकड़ा गया था और तीन पर्यवेक्षकों पर भी नकल करवाने में शामिल होने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
Source : News Nation Bureau