केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE-सीबीएसई) 10वीं और 12वीं के परीक्षा प्रश्नपत्र में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। दरअसल सीबीएसई 2019-20 से 10वीं और 12वीं क्लास के प्रश्नपत्र में रीवैंप (पुनर्निमाण) प्रक्रिया में वोकेशनल सब्जेक्ट के टेस्ट पैटर्न और रिजल्ट घोषित करने की प्रकिया पर भी फैसला लिया जाएगा। सीबीएसई के अधिकारियों के अनुसार नए एग्जाम का पैटर्न छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता को टेस्ट करेगा। इससे विषयों को रटने की प्रक्रिया पर भी लगाम लगेगी।
मानव संसाधन मंत्रालय के एकअधिकारी ने कहा, 'बदले हुए प्रश्न पत्र प्रॉब्लम सॉल्विंग मोड के होंगे। 1 से 5 मार्क्स के छोटे प्रश्न ज़्यादा होंगे। ज़्यादा फोकस इस बात पर होगा कि छात्रों की लर्निंग प्रॉसेस और उनकी सोचने की क्षमता का आकलन किया जा सके ताकि उनका मानसिक विकास सही स्तर पर हो।'
उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश यही रहेगी कि छात्रों को रटकर ज़्यादा नंबर लाने की प्रक्रिया पर पाबंदी लगे।
सीबीएसई ने इस सिलसिले में नई गाईडलाइन्स (CBSE bylaws) मंत्रालय को सौंप दी हैं, जिसके मुताबिक इस प्रपोजल में अभी 3-4 महीने का और वक्त लग जाएगा, लेकिन बोर्ड ने अगले सत्र (2019-20) के लिए 10वीं और 12वीं क्लास के प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पेपर से संबंधित शेड्यूल के प्रपोज़ल पर अभी बातचीत जारी है और अभी तक कुछ फाइनल नहीं किया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को दो भागों में कराएगी - वोकेशनल और नॉन-वोकेशनल। चूंकि वोकेशनल परीक्षाओं में छात्रों की संख्या कम होती है, इसलिए उन्हें फरवरी में कराया जाएगा, जबकि नॉन-वोकेशनल सब्जेक्ट्स की परीक्षाओं को मार्च में 15 दिनों के अंदर ही कराया जाएगा।'
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कुछ ऐसा होगा नए क्वेस्चन पेपर का स्वरूप
- क्वेस्चन पेपर अब प्रॉब्लम सॉल्विंग और विश्लेषणात्मक पैटर्न के होंगे।
- शॉर्ट क्वेस्चन ज़्यादा होंगे।
- छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग अबिलिटी को टेस्ट करने पर रहेगा ज़्यादा फोकस।
एग्जाम शेड्यूल में ये बदलाव
- वोकेशनल विषयों के एग्जाम अगले सत्र से फरवरी में होंगे, जबकि मुख्य विषयों के एग्जाम मार्च में खत्म हो जाएंगे।
- पेपर के मूल्यांकन के लिए ज़्यादा समय मिलेगा और रिजल्ट समय से पहले घोषित किए जाएंगे।
Source : News Nation Bureau