अप्रैल (April) दुनिया के सबसे बड़े ऐतिहास पलों का गवाह रहा है. इसी महीने में मनुष्य अंतरिक्ष की दुनिया को देख पाया था. आज से ठीक 60 साल पहले 12 अप्रैल 1961 के दिन सोवियत संघ के यूरी गागरिन (Cosmonaut Yuri Gagarin ) अंतरिक्ष में अपनी पहुंच दर्ज कराने वाले पहले इंसान बने थे. बता दें कि रूस में हर साल आज का दिन कॉस्मोनाटिक्स डे (Cosmonautics Day) के रूप में मनाई जाती है. गागरिन की ऐतिहासिक उड़ान आज के समय में हर किसी के लिए एक मिसाल है. बताया जाता है कि जब यूरी ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी तो सोवियत के वैज्ञानिकों को डर था कि वो वहां भार शून्यता की स्थिति का सामना करने पर बेहोश हो सकते हैं. लेकिन हुआ बिल्कुल इसके विपरित, जब गागरिन अतंरिक्ष में पहुंचे तो वो वहां भारशून्यता का आनंद लेते नजर आए. उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर मैसेज भेजा कि उन्हें भारशून्यता बहुत अच्छी लग रही है. इस तरह यूरी गागरीन ने दुनिया के सामने अपनी बहादुरी की मिसाल पेश की.
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27 मार्च 1968 को यूरी गागरिन ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनकी मौत कैसे हुई ये लंबे समय तक एक रहस्य बना रहा था. पहले बताया जाता था कि उन्हें एलियंस ने मार दिया है. लेकिन बाद में कहा गया कि उनकी मौत मिग फाइटर विमान उड़ाते समय क्रैश होने से हुई. रूसी सरकार ने हमेशा मौत के कारणों को छुपा कर रखा. लेकिन यूरी के साथी और पहली बार स्पेस वॉक करने वाले ऐलेक्से लिनोव ने जांच के उन दस्तावेजों को सार्वजनिक किया, जिनमें उनकी मौत का सही कारण था. ये दस्तावेज क्रेमलिन में सीक्रेट तौर पर रखे हुए थे. उनकी मौत जेट के खराब मौसम में फंस जाने से हुई.
लिनोव ने बताया कि यूरी जब मिग उड़ा रहे थे, तभी एक दूसरा फाइटर प्लेन उनके विमान के इतने करीब आ गया कि उन्होंने बचने के लिए जब अपने विमान के साथ गोता लगाया तो वे बादलों से टकरा गए. विमान चकराने लगा. जमीन पर आ गिरा. इस दौरान उनके विमान की स्पीड 750 किमी प्रति घंटा थी.
79 साल के लिनोव ने बताया कि वे 20 साल से यूरी की मौत की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहते थे लेकिन उन्हें सरकार इजाजत नहीं दे रही थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने आखिरकार ये मौका दिया कि लोगों को बताया जाए कि एक हीरो की मौत कैसे हुई. लिनोव के मुताबिक, यूरी शानदार पायलट थे. जब उनकी मौत हुई तब वे कॉस्मोनेट ट्रेनिंग सेंटर के डिप्टी ट्रेनिंग डायरेक्टर थे.
जांच में पता चला कि एस यू फाइटर यूरी के प्लेन से महज 50 किमी. दूर था. इस समय यूरी के विमान की गति 750 किमी प्रति घंटा थी. ऐसे में सिर्फ 55 सेकेंड में ही यूरी का विमान हादसे का शिकार हो जाता. जैसे ही एस यू विमान यूरी के नजदीक आया, वैसे ही विमान को झटका लगा. वो गोता खाकर गहरे बादलों से टकरा गया. इसके बाद विमान की टेल तेजी से घूमने लगी. जिसे यूरी के लिए संभालना असंभव हो गया. फिर विमान जमीन पर गिर गया.