राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को यूं तो कोविड-19 (COVID-19) महामारी से निपटने के लिए विभिन्न तरह के काम पहले से ही सौंपे जा चुके हैं, मगर अब दिल्ली सरकार अपने शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजकर उन्हें 'दोहरा आघात' दे रही है. नोटिस इसलिए दिया गया है कि शिक्षकों ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित होन के बावजूद काम करने की सूचना नहीं दी है. दिल्ली सरकार ने स्कूल के शिक्षकों को कई स्थानों पर तैनात किया है, जिसमें अस्थायी अस्पताल, जहां टीके और ऑक्सीजन के आंकड़े दर्ज करना, श्मशान भूमि की पंजी में नाम-पता लिखना और कोविड-19 से संक्रमित लोगों व वायरस से लड़ाई हारने वालों का दैनिक विवरण बनाना शामिल है.
90 शिक्षकों से मांगी गई रिपोर्ट
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के एसडीएम बीएल मीणा ने 20 अप्रैल को लगभग 90 शिक्षकों से उनके कार्यालय में काम की रिपोर्ट देने के लिए कहा था. 20 अप्रैल के आदेश में कहा गया है कि सभी शिक्षक 22 अप्रैल को अपने संबंधित एसडीएम कार्यालय को रिपोर्ट करें और एसडीएम कार्यालय मांग के अनुसार उन्हें काम सौंपेगा. मीणा के पत्र में लिखा है, 'आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के विभिन्न प्रावधानों के तहत जिला प्रशासन को प्रदत्त शक्तियों के अनुसार सूचित किया जाता है कि दिल्ली महामारी रोग कोविड-19 नियमों, 2020 जिला प्राधिकरण, जिला (दक्षिण-पूर्वी) में 90 अधिकारियों की आवश्यकता है.'
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तमाम शिक्षक आदेश मिलने से पहले हुए संक्रमित
आगे कहा गया है, 'अधिकारियों को इस कार्यालय में 22 अप्रैल को सुबह 11 बजे कर्तव्यों के बारे में रिपोर्ट करने के लिए निर्देशित किया गया है. वे अपने विभाग से कोई औपचारिक विमुक्ति पत्र मिलने की प्रतीक्षा किए बिना रिपोर्ट करें, गैर-अनुपालन को गंभीरता से देखा जाएगा और अधिनियमों/विनियमों के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.' पत्र में कहा गया है कि इसे जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण-पूर्वी) डीडीएमए (दक्षिणी-पूर्वी) के चेयरपर्सन की पूर्व स्वीकृति के साथ जारी किया गया है. हालांकि 20 अप्रैल को आदेश जारी किए जाने से पहले कुछ शिक्षक जो एसडीएम द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए थे, वे कोविड-19 से संक्रमित हो गए.
संक्रमित शिक्षकको दे दिया नोटिस
सबीना (बदला हुआ नाम), जो दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में दिल्ली सरकार के एक स्कूल में शिक्षिका हैं, उन आठ से नौ शिक्षकों में से एक हैं, जिन्हें एसडीएम से कारण बताओ नोटिस मिला है. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सदस्य कोविड से संक्रमित हो गए थे और कुछ दिनों बाद वह भी कोविड-19 पॉजिटिव हो गईं. सबीना ने कहा, 'कोविड-19 से संक्रमित होने के तुरंत बाद, मैंने अपने ईमेल आईडी पर कोविड-19 रिपोर्ट के साथ स्कूल के प्रधान (एचओएस), जिला मजिस्ट्रेट और एसडीएम को संलग्नक के साथ सूचित किया. हालांकि, मुझे एसडीएम या डीएम कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिला. इसके विपरीत मुझे तीन दिनों के भीतर लिखित जवाब देने के लिए 27 अप्रैल को जारी एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ.'
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शिक्षकों से मांगा गया जवाब
एसडीएम (दक्षिण-पूर्वी) द्वारा जारी किया गया शो कॉज नोटिस में लिखा है- 'और जबकि, यह ध्यान में आया है कि आपने ड्यूटी के लिए रिपोर्ट नहीं किया है. इसे गंभीरता से देखा गया है और तदनुसार, यह दिखाने के लिए निर्देशित किया जाता है कि कर्तव्यों के विचलन के लिए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. मामले में एक लिखित उत्तर इस नोटिस को जारी किए जाने से तीन दिनों के भीतर अधोहस्ताक्षरी तक पहुंचना चाहिए, जो यह माना जाएगा कि उसे इस मामले में कुछ नहीं कहना है और सेवा की छूट सहित आपके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. डीडीएमए अधिनियम, 2005 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई या कार्रवाई.'
शिक्षकों पर दोहरा आघात
दिल्ली भर में 10 से अधिक ऐसे नोटिस देखे हैं जो कई शिक्षकों को जारी किए गए हैं. स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने स्कूलों को बंद करने का फैसला करने के बाद, शिक्षकों को जिला प्राधिकरण द्वारा अन्य काम के लिए तैनात किया और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद भी उन पर एसडीएम कार्यालय द्वारा इस तरह के कारण बताओ नोटिस के माध्यम से आघात किया जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- एक तो कोरोना संक्रमित ऊपर से कारण बताओ नोटिस
- दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ खेल
- संक्रमित होने के बावजूद काम नहीं करने पर नोटिस