लर्निंग गैप को खत्म करने दिल्ली सरकार का Mission Buniyaad

दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में मिशन बुनियाद की कक्षाएं चल रही है. इस साल एससीईआरटी ने इस कार्यक्रम के तहत खास लर्निंग मटेरियल व टीचर मैन्युअल तैयार किया है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Mission Buniyaad

कोरोना काल में आए लर्निंग गैप को खत्म करने की कवायद.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

दिल्ली में 10 लाख छात्र ऐसे हैं जिनके लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी स्कूल की क्लास चालू है. कोरोना महामारी के बाद शिक्षण संस्थान दोबारा खुल चुके हैं. हालांकि दिल्ली में छात्रों पर नया करिकुलम थोपने की बजाए विभिन्न पहलों के माध्यम से छात्रों के लर्निंग गैप को खत्म किया जा रहा है. मिशन बुनियाद इन्ही प्रमुख पहलों में से एक है. इसका उद्देश्य कक्षा 3 से 9वीं तक के बच्चों के पढ़ने, लिखने और बुनियादी गणितीय क्षमताओं में सुधार करना है. दिल्ली के मिशन बुनियाद में लगभग 10 लाख छात्र शामिल हैं. मिशन बुनियाद कार्यक्रम में पेरेंट्स भी काफी सपोर्टिव रहे हैं.

अधिकांश यह देखा जाता है कि गर्मी के दिनों में ज्यादातर पेरेंट्स गांव चले जाते है. हालांकि इस बार मेगा पीटीएम के माध्यम से, टीचर्स द्वारा लगातार पेरेंट्स से संपर्क बनाए रखा गया. इससे पेरेंट्स में अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ी और उन्होंने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान अपने बच्चों को स्कूल भेजने को प्राथमिकता दी. साथ ही बच्चों ने भी काफी बढ़-चढ़ कर इन क्लासेज में भाग लिया.

ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में मिशन बुनियाद की कक्षाएं चल रही है. इस साल एससीईआरटी ने इस कार्यक्रम के तहत खास लर्निंग मटेरियल व टीचर मैन्युअल तैयार किया है. इसके माध्यम से बच्चों के के लिए पढ़ने-सुनने-बोलने और लेखन कौशल में सुधार के लिए एक वर्कबुक, गणित की वर्कबुक व कहानियों की एक किताब शामिल है. इस प्रोग्राम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए एससीईआरटी द्वारा टीचर्स को नियमित रूप से प्रशिक्षित भी किया गया है.

दिल्ली सरकार के स्कूलों में चल रहे मिशन बुनियाद कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एक सर्वोदय कन्या विद्यालय का दौरा किया. उन्होंने स्कूल में चल रहे विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के प्रगति की जांच की और बच्चों से उनकी पढ़ाई को लेकर भी चर्चा की. इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि कोरोना में बीते पिछले दो साल बच्चों के लिए मुश्किल रहे और इससे उनकी लर्निंग में बहुत गैप आया है. इस गैप को खत्म करने में मिशन बुनियाद अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि मिशन बुनियाद जैसे प्रोग्राम के बिना स्कूलों के खुलते ही यदि सीधे सिलेबस पर फोकस किया जाता तो एक पूरी पीढ़ी को लनिर्ंग गैप के साथ आगे बढ़ती.

सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में नए सत्र की शुरूआत से मिशन बुनियाद की कक्षाएं चल रही है और हमारे शिक्षक इस कार्यक्रम के तहत पढ़ने, लिखने और बुनियादी गणित के कौशल में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मिशन बुनियाद में लगभग 10 लाख बच्चे शामिल है और रोजाना इन क्लासों में 65 प्रतिशत से अधिक बच्चे उपस्थित होते हैं. उन्होंने कहा कि मिशन बुनियाद का वर्तमान दौर 15 जून तक चलेगा लेकिन बच्चों के सीखने में आए अंतर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जुलाई से इसे फिर से शुरू किए जाएंगे.

उपमुख्यमंत्री ने मिशन बुनियाद से जुड़े सीखने-सिखाने के अनुभवों को जानने के लिए बच्चों व टीचर्स से भी बातचीत की. शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए सिसोदिया ने कहा कि हमारे टीचर्स ने विद्यार्थियों को दोबारा बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के लिए मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ये बेहद खुशी की बात है कि टीचर्स बच्चों पर सिलेबस का बोझ नहीं लाद रहे बल्कि उनके मूलभूत कौशल में सुधार करने पर फोकस कर रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • दिल्ली के मिशन बुनियाद में लगभग 10 लाख छात्र
  • मिशन बुनियाद का वर्तमान दौर 15 जून तक चलेगा
arvind kejriwal Manish Sisodia अरविंद केजरीवाल Delhi government दिल्ली सरकार Corona Epidemic कोरोना संक्रमण Mission Buniyaad Learning Gap अवंद केजरीवाल मिशन बुनियाद लर्निंग गैप
Advertisment
Advertisment
Advertisment